कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय ( Kerala High Court) ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) साजिश मामले ( ISRO conspiracy case) में केरल पुलिस के तीन पूर्व अधिकारियों और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण बुधवार को एक और दिन के लिये बढ़ा दिया.
न्यायमूर्ति अशोक मेनन की एकल पीठ को सीबीआई के वकील ने सूचित किया कि इस मामले में अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पेश होंगे. इसके बाद पीठ ने तीन पूर्व पुलिसकर्मियों और पूर्व आईबी कर्मी को गरिफ्तारी से संरक्षण की अंतरिम राहत को एक और दिन के लिए बढ़ा दिया.
अदालत ने इस मामले को पांच अगस्त को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया.
उच्च न्यायालय ने इस मामले में अलग-अलग तारीखों पर केरल पुलिस के पूर्व अधिकारियों- आर बी श्रीकुमार, एस विजयन और थंपी एस दुर्गादत्त- तथा खुफिया ब्यूरो के पूर्व अधिकारी पी एस जयप्रकाश को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था. इन सभी ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी.
इन चारों के अलावा 1994 के जासूसी मामले में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन की गिरफ्तारी और हिरासत के सिलसिले में जांच एजेंसी द्वारा दर्ज मामले में 14 अन्य लोगों को आपराधिक साजिश, अपहरण, साक्ष्यों से छेड़छाड़ जैसे विभिन्न आरोपों के तहत भादंवि की विभन्न धाराओं के तहत नामजद किया गया था.
नारायणन के अलावा 1994 के मामले में मालदीव की दो महिलाओं- मरियम रशीदा और फौजिया हसन- को भी गिरफ्तार किया गया था और हिरासत में रखा गया था.
दोनों महिलाओं को करीब तीन साल तक जेल में रहने के बाद रिहा किया गया था.
दोनों महिलाओं की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रसाद गांधी ने दलील दी कि आरोपियों को कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि जासूसी मामले की जांच कर रहे अधिकारियों द्वारा मालदीव के नागरिकों को परेशान किया गया, गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया और तीन साल से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया.