मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ठाणे जिले के कांबे गांव के निवासियों को कम से कम गणेश चतुर्थी उत्सव से पहले टैंकर के जरिए पानी मिल जाए.
इस गांव के निवासियों ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि उन्हें महीने में बस दो बार दो घंटे के लिए पानी मिलता है. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह सरकार को दैनिक आधार पर पानी की आपूर्ति कराने का निर्देश दे.
खंडपीठ ने की थी तल्ख टिप्पणी
न्यायमूर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 75 साल बाद भी लोगों को पानी की आपूर्ति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़े जबकि यह मौलिक अधिकार है.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि ठाणे जिला परिषद एवं भिवंडी निजामपुर नगर निगम की संयुक्त उपक्रम स्टेम वाटर डिस्ट्रीब्यूशन एंड इन्फ्रा कंपनी स्थानीय नेताओं एवं टैंकर लॉबियों को अवैध रूप से जलापूर्ति कर रही है.
गुरुवार को महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणि ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार याचिकाकर्ताओं की समस्याओं का निदान ढूंढे़गी. उन्होंने कहा कि स्टेम कंपनी के प्रबंध निदेशक और अन्य अधिकारी बैठक करेंगे.
इसपर अदालत ने कहा कि उसे प्रबंध निदेशक पर भरोसा नहीं है, इसलिए इन मुद्दों पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल और अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकनी की एक विशेष समिति बनाई जाए.