मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने बुधवार को अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी (actor Nawazuddin Siddiqui) और उनके भाई शमसुद्दीन को निर्देश दिया कि वे निष्पक्षता बनाए रखने के लिए और आपसी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के प्रयासों के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ कोई टिप्पणी पोस्ट या अपलोड न करें. न्यायमूर्ति आर आई छागला की एकल पीठ ने 48 वर्षीय अभिनेता द्वारा सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कथित मानहानिकारक बयान पोस्ट करने के लिए उनके भाई से 100 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग को लेकर दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
पीठ ने भाइयों को सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना तलाशने के लिए तीन मई को उनके वकीलों के साथ अपने कक्ष में उपस्थित रहने का निर्देश दिया. मुकदमे में अभिनेता की पूर्व पत्नी जैनब का भी नाम है, लेकिन बुधवार को नवाजुद्दीन सिद्दीकी के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि दोनों क्योंकि अपने मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए अभिनेता उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा नहीं चलाना चाहते.
शमसुद्दीन सिद्दीकी की तरफ से पेश अधिवक्ता रूमी मिर्जा ने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के हस्तक्षेप के कारण नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पूर्व पत्नी के बीच समझौता वार्ता चल रही है और इस पीठ की मदद से भाइयों के बीच भी इसी तरह की व्यवस्था हो सकती है. चंद्रचूड़ ने कहा कि भाइयों के बीच कोई भी बातचीत तभी शुरू हो सकती है जब शमसुद्दीन सिद्दीकी अपने मानहानि वाले पोस्ट को हटा दें जिसमें अभिनेता को कथित तौर पर बलात्कारी और छेड़छाड़ करने वाला कहा गया है.