कोच्चि :केरल उच्च न्यायालय ने साल 2012 में हुई टैक्सी चालक की हत्या के मामले में पांच में से दो आरोपियों की दोषसिद्धि को रद्द कर दिया और कहा कि इस मामले में जांच की गई तथा अभियोजन पक्ष की दलीलें सही साबित नहीं हुईं. इसके अलावा निचली अदालत ने सबूतों के बिना उन्हें दोषी करार देने में अति उत्साह दिखाया.
उच्च न्यायालय ने कहा यह एक अनोखा मामला है जिसमें बेढंगी जांच और अभियोजन पक्ष की बेदम दलीलों के जरिए आरोपियों के खिलाफ जांच को पटरी से उतारने की साजिश रची गई है. अदालत ने भी बिना किसी सबूत के अति उत्साह में आक्षेपित निर्णय दिया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार
चालक अपनी टैक्सी में कहीं जाने के लिए निकाला था. उसे अंदाजा नहीं होगा कि यह उसकी अंतिम यात्रा होगी. अगले दिन उसका शव मिला. उसे पीटा गया, गला घोंटा गया और जला दिया गया. अभियोजन ने दावा किया था कि हत्या टैक्सी लूटने की साजिश का हिस्सा थी और लूट के जरिए लाभ कमाने के लिए अपराध को अंजाम देने का यह मामला है.