हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी. तब से विभिन्न देशाें ने अपने-अपने स्तर पर मजदूराें की स्थिति में सुधार के लिए प्रयास किए हैं.
एक रिपाेर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस की शुरुआत से जर्मनी ने अपने वार्षिक कार्य के घंटों में अनुमानित 60% की कटौती की है, जबकि ब्रिटेन में लगभग 40% की कमी देखी गई है.
आपकाे बता दें कि इसके बाद से कई देशों में बाल श्रम कम हो गया है और सामान्य तौर पर देखा जाए ताे श्रमिकों की परिस्थितियों में व्यापक सुधार हुआ है. स्वीडन की बात करें ताे यहां अब माता-पिता 480 दिनों का (पेड लीव) भुगतान छुट्टी ले सकते हैं.
वहीं ऑस्ट्रिया में प्रत्येक 25 नौकरियों में से कम से कम एक नाैकरी पर किसी शारीरिक रूप से असक्षम श्रमिक काे रखना जरूरी है, जबकि जर्मनी ने अगले वर्ष से अपने राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन को बढ़ाने की योजना बनाई है.
जबकि डेनमार्क में नियोक्ताओं को कानूनी रूप से कर्मचारियों को यूनियन में शामिल होने से रोकने की अनुमति नहीं है.
विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी के बाद कुछ चीजें हैं जाे कार्यबल को पुनर्प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं, जिनमें प्रशिक्षण और कौशल विकास, विशिष्ट व्यवसाय से संबंधित प्रशिक्षण आदि शामिल हैं.