नई दिल्ली :बिहार सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि उसने 'ट्रांसजेंडर' समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए हैं, जिसमें समुदाय के सामाजिक विकास की निगरानी के लिए एक 'राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड' की स्थापना भी शामिल है.
इस साल 12 अप्रैल को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 'किन्नर मां एक सामाजिक संस्था ट्रस्ट' की याचिका पर केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा था, जिसमें उनके सामाजिक कल्याण के मुद्दों को हल करने के लिए एक ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.
बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक राकेश रंजन ने जवाबी हलफनामा दाखिल करते हुए कहा, 'ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं और वे देश में किसी भी अन्य नागरिक की तरह सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं.'