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Hathras Case: हाथरस कांड में कोर्ट ने संदीप को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 3 आरोपी बरी

हाथरस के बहुचर्चित बिटिया मामले में कोर्ट में संदीप को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. जबकि तीन आरोपियों को कोर्ट पहले ही बरी कर चुका है.

Hathras Case
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Published : Mar 2, 2023, 3:16 PM IST

Updated : Mar 2, 2023, 6:19 PM IST

जानकारी देतीं पीड़त पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा और महिपाल सिंह.

हाथरसःहाथरस कांड में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने चार में से एक को दोषी ठहराया है और तीन आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है. कोर्ट ने संदीप को गैर इरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. वहीं, बरी किए गए युवकों की परिवार के लोग कोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट हैं.

पीड़ित पक्ष के वकील महिपाल सिंह ने बताया कि इस प्रकरण के मुख्य आरोपी संदीप को आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. उन्होंने कहा कि अभी कोर्ट की कॉपी उन्हें नहीं मिली है. कोर्ट की कॉपी पढ़कर आगे की रणनीति विचार विमर्श कर बनाएंगे. उन्होंने कहा कि वह तीन अभियुक्तों को दोषमुक्त किए जाने और संदीप को मिली सजा से संतुष्ट नहीं है. महिपाल सिंह ने कहा कि 'आगे की कोर्ट में जाने का मन बनाया है.' वहीं, आरोपी पक्ष के वकील मुन्ना सिंह का कहना है कि वह संदीप को मिली सजा के मामले में ऊपर की कोर्ट में अपील करेंगे.

चारों को सजा मिलने पर करेंगे अस्थि विसर्जनः पीड़िता की भाभी ने कहा कि 'वह कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हम बिटिया की अस्थियों का अभी विसर्जन नहीं करेंगे. विसर्जन तभी होगा जब चारों को सजा मिल जाएगी. उन्होंने यह कहा कि वह हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. संदीप को मिली सजा से हमें कोई न्याय नहीं मिला है. न्याय ठाकुरवादी, जातिवादी को मिला है. उन्होंने आरोप लगाया कि योगी जी ने यूपी को ठाकुर वादी बना रखा है. हम तो किसी भी गिनती में नहीं हैं.'

हाईकोर्ट में करेंगे अपीलः वहीं, पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा का कहना है कि संदीप को आजीवन कारावास की सुनाई गई है. हम हाई कोर्ट में अपील करेंगे. आज एक को सजा हुई है, बाद में बरी हुए तीन आरोपियों तीनों पर दोष सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही यह मामला राजनीति से प्रेरित था.

बरी हुए आरोपियों के परिजन खुशःमामले में दोषमुक्त किए गए लव-कुश की मां मुन्नी देवी ने कहा कि वे बहुत खुश है, क्योंकि उनके बेटे को दूसरा जन्म मिला है. उन्होंने कहा कि सभी को निर्दोष फंसाया गया था. हमने तो पानी भी पिलाया था. वहीं, एक अन्य आरोपी रामू के मौसा राजेंद्र सिंह ने कहा कि इस फैसले से बहुत संतुष्ट और खुश है.

14 सितंबर 2020 की हुई घटनाः गौरतलब है कि 14 सितंबर 2020 को एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म और जान से मारने की कोशिश कई गई थी. इसके बाद इलाज के दौरान युवती की दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों की इच्छा के विपरीत मध्यरात्रि में उसके शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया. इसके बाद मामला काफी सुर्खियों में रहा था. मामले में 2 अक्टूबर को शासन ने तत्कालीन एसपी और सीओ सहित 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था और 2 दिन बाद ही मामले की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया था.

35 लोगों की हुई गवाहीः सीबीआई ने 11 अक्टूबर से इस मामले की जांच पड़ताल की. 18 दिसंबर 2020 को विशेष न्यायालय एससी एसटी एक्ट में अभियुक्त संदीप, लव, कुश, रवि और राम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इनमें से 4 आरोपी संदीप, रवि, रामू और लवकुश अलीगढ़ जेल में हैं. मामले में 105 गवाह बनाए गए थे. जिनमें से बिटिया के पिता, मां, भाई सहित 35 लोगों की गवाही हुई थी. अभियुक्तों पर 376, 376डी, 302, 3(2)बी धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था.

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Last Updated : Mar 2, 2023, 6:19 PM IST

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