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Hate Speeches Against Sanatan Dharam : उदयनिधि और ए राजा के खिलाफ SC में याचिका दायर, FIR दर्ज करने की मांग

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2023, 7:53 PM IST

तमिलनाडु मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन (udhaynidhi stalin) और डीएमके सांसद ए राजा के खिलाफ द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.

Udhayanidhi Stalin A raja
उदयनिधि स्टालिन के राजा

नई दिल्ली : 'सनातन धर्म' पर विवादास्पद बयान को लेकर तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और डीएमके के सांसद के राजा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. वकील विनीत जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह सनातन धर्म के अनुयायी हैं और स्टालिन जूनियर द्वारा दिए गए घृणास्पद भाषण से व्यथित हैं. याचिका में कहा गया है कि आवेदक ने पहले ही दिल्ली पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कर द्रमुक नेता के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की मांग की है, लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) अभी तक दर्ज नहीं की गई है.

वकील आरके चौधरी के माध्यम से दायर आवेदन में शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों को लागू नहीं करने के लिए दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना ​​की भी मांग की गई है. याचिका में शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में पक्षकार बनाने की मांग की गई थी, जहां राज्य सरकारों और पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा औपचारिक शिकायतों के दर्ज होने की प्रतीक्षा किए बिना नफरत भरे भाषण के मामलों में स्वत: कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था.

शीर्ष अदालत ने कहा था कि बहुत गंभीर मुद्दों पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से कोई भी देरी अदालत की अवमानना ​​को आमंत्रित करेगी, क्योंकि देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को संरक्षित करने के लिए कार्रवाई की जरूरत है. याचिका में आरोप लगाया गया कि उदयनिधि स्टालिन की कार्रवाई ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, हिंदू धर्म के अनुयायियों का अपमान किया और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी भड़काई. इससे पहले, हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों और नौकरशाहों और युद्ध के दिग्गजों सहित 262 प्रतिष्ठित नागरिकों के एक समूह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनसे तमिलनाडु के मंत्री द्वारा दिए गए कथित नफरत भरे भाषण पर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था.

गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा. तमिलनाडु के खेल और युवा मामलों के मंत्री ने कहा था, 'इसका (सनातन धर्म) विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा, क्‍योंकि यह लोगों को जातियों में बांटता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है.' उदयनिधि ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया और अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा, 'मैं यह बात लगातार कहूंगा.'

वहीं के राजा के लिए याचिका में कहा गया है कि वह राज्यसभा के सदस्य हैं और भारत के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों को और अधिक अपमानजनक तरीके से पूरक किया है. इस संबंध में जिंदल की याचिका में एफआईआर दर्ज न करने के लिए सीपी, दिल्ली पुलिस, डीसीपी, उत्तर पश्चिम और पुलिस आयुक्त, चेन्नई के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही की भी मांग की गई है.

सनातन धर्म विरोधी ए राजा का बयान विपक्षी गठबंधन के मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है: भाजपा

भाजपा ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता ए राजा की सनातन धर्म विरोधी टिप्पणी को गुरुवार को अपमानजनक और अति कटु करार दिया और विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि यह 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस' यानी 'इंडिया' के 'मानसिक दिवालियेपन' और 'गहरे हिंदूफोबिया' को दर्शाती है. केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता धर्मेंद्र प्रधान ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'नाम बदलने से मंशा और चरित्र नहीं छिपते हैं.'

उनकी यह प्रतिक्रिया राजा के उस बयान के बाद आई है जिसमें द्रमुक नेता ने कथित तौर पर कहा था कि सनातन धर्म की तुलना एड्स और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की जानी चाहिए, जिनके साथ सामाजिक कलंक जुड़ा हुआ है. तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधान ने कहा, 'इस बार ए राजा द्वारा सनातन धर्म के बारे में अपमानजनक और अति कटु टिप्पणी की गई है. यह उस मानसिक दिवालियेपन और गहरे हिंदूफोबिया को दर्शाती है जिससे विपक्षी इंडिया गठबंधन घिरा हुआ है.'

उन्होंने कहा कि देश देख रहा है कि कैसे कांग्रेस और उसके मित्र जानबूझकर भारत की आत्मा, भावना और जड़ों को बदनाम कर रहे हैं. प्रधान ने कहा कि नफरत फैलाने वालों को याद दिलाया जाए कि सनातन शाश्वत है, सनातन सत्य है.

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(एक्सट्रा इनपुट-एजेंसी)

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