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Hate speech case: दक्षिणपंथी कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

हेट स्पीच के मामले में गिरफ्तार दक्षिणपंथी कार्यकर्ता काजल हिन्दुस्तानी को आज से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. हिंदुस्तानी के भाषण के कारण एक अप्रैल को ऊना शहर में सांप्रदायिक झड़प हुई थी.

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Published : Apr 10, 2023, 7:39 PM IST

गिर सोमनाथ : गुजरात के गिर सोमनाथ जिले की एक अदालत ने रामनवमी के दिन 'भड़काऊ भाषण' देने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार दक्षिणपंथी कार्यकर्ता काजल हिन्दुस्तानी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हिंदुस्तानी के भाषण के कारण एक अप्रैल को ऊना शहर में सांप्रदायिक झड़प हुई थी. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी. हिंदुस्तानी ने रविवार को सुबह ऊना में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. ऊना पुलिस थाने के निरीक्षक एन के गोस्वामी ने बताया कि इसके बाद हिंदुस्तानी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया. अदालत ने जमानत की उसकी याचिका निरस्त कर दी तथा उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

गोस्वामी ने बताया कि पुलिस ने उसकी रिमांड नहीं मांगी और उसे जूनागढ़ केंद्रीय कारागार भेज दिया गया. 30 मार्च को रामनवमी पर्व पर दिए गए हिंदुस्तानी के भाषण के कारण एक अप्रैल की रात ऊना शहर में सांप्रदायिक झड़प हुई थी. पुलिस ने दो अप्रैल को हिंदुस्तानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना) और 295 ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर या दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. हिंदुस्तानी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में नियमित रूप से शामिल होती रही हैं. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट के ब्योरे में खुद को एक उद्यमी, शोध विश्लेषक, सामाजिक कार्यकर्ता और 'राष्ट्रवादी भारतीय' के रूप में वर्णित किया है। ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित 92,000 से अधिक लोग उनके फॉलोवर हैं. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में वह नियमित रूप से भाग लेती हैं.

वह अल्पसंख्यक समुदाय को लक्षित करने वाले अपने उग्र भाषणों के लिए जानी जाती हैं. ऐसा ही एक भाषण उन्होंने रामनवमी के अवसर पर विहिप द्वारा आयोजित 'हिंदू सम्मेलन' में दिया था. हिंदुस्तानी के भाषण के बाद दो दिनों तक ऊना में सांप्रदायिक तनाव बना रहा, जिसके परिणामस्वरूप दो समुदायों के बीच झड़प हुई और एक अप्रैल की रात को पथराव हुआ. पुलिस ने आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 337 (चोट पहुंचाने के लिए लापरवाही से कार्य करना), 143 (गैरकानूनी सभा), 147 (दंगा करना) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना) सहित विभिन्न आईपीसी धाराओं के तहत 76 नामजद व्यक्तियों और लगभग 200 लोगों की भीड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. गोस्वामी ने कहा, "अब तक हमने इस संबंध में 96 लोगों को गिरफ्तार किया है."

(पीटीआई-भाषा)

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