नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर सांसद हसनैन मसूदी ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश में मुठभेड़ों में वृद्धि हुई है. इस कदम का उद्देश्य विकास हो सकता है, लेकिन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मुठभेड़ों में वृद्धि के कारण, कोई विकास नहीं हुआ है.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर जम्मू कश्मीर प्रशासकों को राज्य के विकास के लिए जिम्मेदारी दी जाती है, तो यह वहां के लिए मददगार होगा क्योंकि वे स्थलाकृति से अवगत होते हैं और वह क्षेत्र का विकास भी चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और कानून मंत्री ने शक्ति का विभाजन (sepration of power) का उल्लेख है, हालांकि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन इन दोनों का उल्लंघन है.
मसूदी ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को जब गैर संविधानिक फैसले लिए गए , तो वह जम्मू कश्मीर के लोगों पर आक्रमण की तरह था. हमने इसके खिलाफ हमने जायज तरीके से इसका विरोध करने का फैसला किया और इसी के तहत हमने उच्चतम न्यायलय में याचिका दायर की.