चंडीगढ़: हरियाणा देश के उन राज्यों में शामिल है जो न सिर्फ खेती, किसानी और उद्योगों के क्षेत्र में अपनी नीति से बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है, बल्कि खेलों के क्षेत्र में भी इस राज्य का अपना अलग ही जलवा है. किसी भी अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय प्रतियोगिता की बात हो, यहां के खिलाड़ी अपने प्रदर्शन की बदौलत देश का नाम रोशन करने में हमेशा अव्वल रहते हैं. इसकी वजह न सिर्फ खिलाड़ियों की मेहनत है, बल्कि प्रदेश सरकार की खेल नीति का भी इसमें अहम योगदान है.
पदक लाओ इनाम पाओ नीति ने हरियाणा को बनाया खेलों का सिरमौर:हरियाणा की खेल नीति ही कुछ ऐसी है कि यहां जो भी खिलाड़ी मैदान में उतरता है, वह पदक पाने के लिए अपना पूरा दम लगाता है. क्योंकि सरकार पदक लाने वाले का न सिर्फ पूरा सम्मान करती है, बल्कि जीतने वाले खिलाड़ी पर इनाम की भी बारिश करती है. अंतरराष्ट्रीय खेलों में सबसे बड़ी प्रतियोगिता ओलंपिक खेल होते हैं, फिर एशियाई खेल और कॉमनवेल्थ खेल इसके साथ ही अन्य सभी खेलों की विश्व स्तरीय प्रतियोगिताएं भी होती हैं. इन सभी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वालों के लिए सरकार ने एक निश्चित इनामी राशि तय की हुई है. वहीं, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार ने इनामी राशि रखी हुई है.
हरियाणा के खिलाड़ियों का बड़ा योगदान:एशियन गेम्स में भारत ने 107 मेडल हासिल करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. 28 गोल्ड, 38 सिल्वर और 41 ब्रॉन्ज सहित कुल 107 मेडल हासिल कर भारत ने चौथा स्थान हासिल किया है. वहीं,107 में से हरियाणा के खिलाड़ियों ने 28 फीसदी मेडल दिलाए हैं. एशियन गेम्स में खिलाड़ियों ने 14 मेडल व्यक्तिगत और 16 मेडल टीम इवेंट में हासिल किया है. इनमें से हरियाणा के खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत में 2 गोल्ड मेडल और टीम इवेंट में 7 गोल्ड मेडल देश को दिलाया है.
इन खिलाड़ियों ने भारत का बढ़ाया मान:व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में भाला फेंक में स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया. इसके साथ ही शूटिंग में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में पलक गुलिया ने गोल्ड मेडल दिलाया. शूटिंग में रमिता ने ब्रॉन्ज मेडल देश को दिलाया. वहीं, शूटिंग में टीम इवेंट में मनु भाकर एवं रिदम सांगवान और ईशा सिंह की टीम ने गोल्ड मेडल दिलाया. इसके अलावा हरियाणा के आदर्श सिंह और अनीश भनवाला की टीम ने ब्रॉन्ज मेडल दिलाया. सरबजोत ने मिक्स इवेंट में सिल्वर मेडल देश को दिलाया. सीमा ने डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज दिलाया. महिला क्रिकेट ने देश को गोल्ड दिलाया, इस टीम में रोहतक की बेटी शेफाली वर्मा भी शामिल थीं. वहीं, पुरुष क्रिकेट भारत को गोल्ड दिलाने में नूंह के शाहबाज भी शामिल रहे. कबड्डी में भारत को गोल्ड दिलाने वाली टीम में हरियाणा की पूजा, प्रियंका और साक्षी भी शामिल थी. वहीं, गोल्ड मेडल जीतने वाली पुरुष टीम में हरियाणा के नवीन, सुनील, नितिन रावल, सुरजीत, नितेश और प्रवेश भी शामिल थे.
कुश्ती और बॉक्सिंग में हरियाणा: हरियाणा के एथलीट इस साल कुश्ती और बॉक्सिंग में देश को गोल्ड मेडल नहीं दिला सके. इस बार कुश्ती में दीपक पुनिया ने सिल्वर, सुनील कुमार, अंतिम पंघाल, अमन, सोनम और किरण ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. बॉक्सिंग में प्रीति, प्रवीण और नरेंद्र ग्रेवाल ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया.
ओलंपिक, एशिया गेम्स और कॉमनवेल्थ की इनामी राशि: हरियाणा सरकार की खेल नीति के तहत ओलंपिक खेलों में गोल्ड, रजत और कांस्य पदक जीतने वाले के लिए करोड़ों की इनामी राशि दी जाती है. इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले को 6 करोड़, सिल्वर मेडल विजेता को 4 करोड़ और ब्रॉन्ड मेडल जीतने वाले को 2.5 करोड़ का इनाम दिया जाता है. इतना ही नहीं ओलंपिक में शामिल होने वाले खिलाड़ी को 15 लाख दिए जाते हैं. वहीं, तैयारियों के लिए 5 लाख दिए जाते हैं. यही नहीं पैरालम्पिक खिलाड़ियों को भी ओलंपिक विजेताओं की तर्ज पर समान नकद पुरस्कार दिया जाता है. साथ ही पदक जीतने वाले खिलाड़ी को नौकरी में आरक्षण का भी प्रावधान सरकार ने किया हुआ है.