कुरुक्षेत्र: बैंकों के नाम आपने कई सुने होंगे. कई तरह के बैंकों के बारे में आपको पता होगा. पर क्या आप जानते हैं कि हरियाणा में रोटी बैंक भी है. इस बैंक में रोटियां जमा होती है. ये रोटी बैंक हरियाणा के कई जिलों में चल रहे हैं. इसमें सब अपने घरों से रोटियां लाते हैं, जमा करते हैं. ताकि गरीब परिवारों को भरपेट खाना मिल सके. आइए इस रोटी बैंक के बारे में जानते हैं.
खास है हरियाणा का रोटी बैंक: हरियाणा पुलिस विभाग के कुछ कर्मचारी और अधिकारियों के द्वारा रोटी बैंक शुरू किया गया था. फिर ये एक संस्था बन गई है. इसमें पहले सिर्फ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी ही जुड़े हुए थे, लेकिन अब इसके साथ कई समाजसेवी और स्कूली बच्चे भी जुड़ गए हैं. स्कूल के बच्चों से लेकर स्टाफ तक हर कोई हर रोज दो रोटी ज्यादा लेकर आता है. स्कूल में रोटी बैंक के द्वारा एक काउंटर बनाया गया है. इस काउंटर पर बच्चे घर से लाई रोटियां जमा कर देते हैं. फिर ये रोटियां जरूरतमंदों तक पहुंचाई जाती हैं.
हरियाणा में रोटी बैंक में स्कूली छात्र निभा रहे अहम जिम्मेदारी. हरियाणा में रोटी बैंक शुरू होने की कहानी: संस्था के मुख्य सदस्य सब इंस्पेक्टर डॉक्टर अशोक वर्मा ने बताया,'जब श्रीकांत जाधव एडीजीपी हिसार मधुबन करनाल पुलिस अकादमी में कार्यरत थे. तब वे अपनी गाड़ी में गरीब लोगों के लिए करीब 40 पैकेट खाना लाते थे. एक दिन वे जब पैकेट बांटकर लौटने लगे, तब वहां पर और छोटे-छोटे कुछ बच्चे आ गए, जो उनसे खाना मांगने लगे. तब श्रीकांत जी ने सोचा कि इन गरीब लोगों के लिए काम करना चाहिए, ताकि इन लोगों को कम से कम दिन में एक बार भरपेट खाना मिल सके.' अशोक वर्मा ने आगे बताया कि इसके बाद कई पुलिस कर्मचारी इस मुहिम में शामिल हो गए. मधुबन में सबकी मदद से सबको खाना मिलने लगा. फिर सब 2-2 रोटियां अपने घर से ज्यादा लाने लगे. शुरुआती समय में 300 लोगों को खाना मिल जाता था. अब ये संख्या हजारों में पहुंच चुकी है.
जरूरतमंदों को खाना मुहैया कराने के लिए हरियाणा पुलिस ने शुरू किया रोटी बैंक. ये भी पढ़ें:कुरुक्षेत्र: स्कूल में 'रोटी बैंक' चलाती है पुलिस ताकि कोई भूखा न सोए
हरियाणा के कई जिलों में रोटी बैंक: मधुबन से जिस रोटी बैंक की शुरूआत हुई थी. अब वो लगभग पूरे हरियाणा में फैल गया है. रोटी बैंक के द्वारा कुरुक्षेत्र, करनाल, रेवाड़ी, गुड़गांव अंबाला सहित कई जिलों में मुहिम चलाई जा रही है.गरीबों को भोजन मिल रहा है. अब कई स्कूलों में भी इसको शुरू किया गया, ताकि ज्यादा लोगों तक इस मुहिम को पहुंचाया जा सके. डीएवी पब्लिक स्कूल पुलिस लाइन की प्रिंसिपल मोनिका ने बताया ' रोटी बैंक के बारे में स्कूल के लोगों को बताया गया.इसके बाद स्कूल प्रशासन ने निर्णय लिया कि यहां भी शुरूआत की जाए. अब हर कोई 2 रोटियां एक्स्ट्रा लाता है. बच्चे बॉक्स में रोटियां जमा करते हैं. फिर रोटियां गरीबों में बांट दी जाती है.'
रोटी बैंक से हर रोज करीब हजारों लोगों को मिलता है खाना. 'बिना किसी दबाव के बच्चे हर रोज लाते हैं रोटियां': स्कूल के द्वारा 500 से अधिक लोगों का पेट भरा जाता है. स्कूल के हिंदी के अध्यापक राजेश ने बताया 'स्कूल के स्टाफ की तरफ से बच्चों को सिर्फ एक बार ही कहा गया था. उसके बाद से ही स्कूल के बच्चे हर रोज 2 रोटियां लेकर आते हैं.बच्चों को ये काम करने में काफी खुशी महसूस होती है.'वैसे स्कूल में रोटी बैंक की जिम्मेदारी राजेश ही उठा रहे हैं. इससे बच्चों में नैतिक मूल्य के सिद्धांत भी बढ़ते हैं. स्कूल के एक छात्र ने बताया कि उनको इस काम से सीखने भी मिल रहा है. दूसरों के प्रति सहयोग की भावना मन में आती है. वहीं, बच्चों के मां-बाप भी ये काम खुशी-खुशी कर रहे हैं.
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