जींद:हरियाणा के जींद जिले में परिवार पहचान पत्र के कर्मचारियों ने गजब कारनामा किया है. इन कर्मचारियों ने सरकारी रिकॉर्ड में जींद के मजदूर के लड़के की सालाना आय पांच अरब दर्ज कर दी. जबकि उसके बहन की आय एक करोड़ रुपये दिखाई गई है. जबकि मजदूर पिता की आय मात्र 36 हजार रुपये दिखाई गई है. यह परिवार पिछले 4-5 महीनो से इसे ठीक कराने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते थक चुका है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ.
मामला रामराय गांव का है. यहां भीम सिंह मजदूरी करता है. उनके दो बच्चे हैं. इसमें एक बेटा और एक बेटी है. भीम सिंह का बेटा बारहवीं के बाद आगे की पढ़ाई करना चाहता है लेकिन उसका एडमिशन नहीं हो पा रहा है. जबकि भीम सिंह की बेटी सोनिया जियोग्राफी (एमएससी) और नेट पास होने के बावजूद सक्षम योजना का फॉर्म परिवार पहचान पत्र में गड़बड़ी के कारण नहीं भर पा रही है. सोनिया का कहना है कि वो बीएड भी करना चाहती थी लेकिन परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के कारण एडमिशन नहीं ले पाई.
जींद जिले के रामराय गांव के रहने वाले भीम सिंह ने बताया कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में हुई गड़बड़ी के कारण हमारे परिवार को किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. पीड़ित भीम सिंह का कहना है की वो कैंसर का मरीज है. उसे इलाज में डेढ़ लाख रुपये लाभ मिलना था लेकिन इसी वजह से नहीं मिल पा रहा है. पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर लगातार ऐसे ही चलता रहा और समस्या का कोई हल नहीं निकला तो पूरा परिवार आत्महत्या कर लेगा. भीम सिंह ने बताया कि उनके पास एक कच्ची छत का मकान है. वो भी जर्जर हालात में है.