नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को ब्रज मंडल यात्रा को 2 समुदायों के बीच भड़की हिंसा की चिंगारी से प्रदेश के कई जिले प्रभावित हुए. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाली के लिए धारा- 144 लगाया गया. इसके साथ ही इन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दिया गया था. जैसे-जैसे जिन क्षेत्रों में हालात सामान्य होते गए वहां से पाबंदी हटा दी गई. लेकिन, नूंह जिले में हिंसा के करीब 13 दिनों बाद यानी 13 अगस्त को देर रात इंटरनेट सेवा बहाल कर दिया गया. हालांकि, सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने और अफवाह फैलाने वालों पर प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है. इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से क्षेत्र के लोगों से आए दिन शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है. 14 और 15 अगस्त को सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक करीब 14 घंटे की ढील दी गई है. जिले में अभी भी धारा 144 लगी हुई है.
Haryana Nuh Violence Update: नूंह में हिंसा के 13 दिन बाद इंटरनेट सेवा बहाल, सोशल मीडिया पर प्रशासन की पैनी नजर
31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में ब्रज मंडल यात्रा के दौरान 2 समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद जिले में काफी तनाव उत्पन्न हो गया था. ऐसे में हिंसा प्रभावित क्षेत्र में शांति बहाली के लिए धारा- 144 लागू किया गया. इसके साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद कर दिया गया था. हालात सामान्य होने पर करीब 13 दिन के बाद जिले में इंटरनेट सेवा बहाल कर दिया गया है. (Nuh Violence Update)
बता दें कि, 31 जुलाई को नूंह में भड़की हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हुए थे. हिंसा के बाद एक्शन मोड में आते हुए प्रदेश में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अभी तक 59 एफआईआर दर्ज हो चुकी है. वहीं, नूंह हिंसा में 227 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. नूंह में हिंसा भड़कने के बाद स्कूल और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया था. स्कूल और कॉलेज बंद के कारण बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हुई है. वहीं, हालात सामान्य होने पर बाद में हालात में सुधार के बाद खोल दिया गया था.
गौर रहे कि, नूंह हिंसा के बाद रविवार को पलवल जिले के पोंडरी गांव में हिंदू संगठनों ने सर्वजातीय महापंचायत का आयोजन किया. इस महापंचायत में फैसला किया गया कि, 28 अगस्त को एक बार फिर से ब्रज मंडल शोभायात्रा निकाली जाएगी. इसके अलावा इस महापंचायत में नूंह हिंसा की जांच एनआईए को सौंपने की मांग की गई है. इसके अलावा नूंह हिंसा में जितने भी लोग मारे गए हैं, उनके परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का आर्थिक मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है. वहीं, हिंसा घायलों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की गई है.