गुरुग्राम: नूंह हिंसा के बाद अब अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. नूंह के एसपी वरुण सिंगला के बाद अब डीसी का भी तबादला कर दिया गया है. नूंह के डिप्टी कमिश्नर प्रशांत पंवार का तबादला कर दिया गया है. अब उनकी जगह धीरेंद्र खड़गता नूंह के नए डिप्टी कमिश्नर होंगे. वरुण सिंगला की जगह अब एसपी नरेंद्र सिंह बिजारनिया को नूंह का एसपी नियुक्त किया गया है.
हिंसा के बाद अधिकारियों पर गिरी गाज बता दें कि हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को ब्रज मंडल यात्रा के दौरान 2 समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. हिंसक झड़प में 2 होम गार्ड समेत 6 लोगों की मौत हो गई है. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए सरकार ने फिलहाल नूंह, पलवल, फरीदाबाद, मानेसर, सोहना और पटौदी में इंटरनेट बंद कर दिया है. वहीं, नूंह हिंसा को लेकर 6 अलग-अलग मामलों में 23 कथित आरोपियों को अदालत में पेश किया गया है.
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नूंह हिंसा पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने बताया कि हिंसा में अब तक 102 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. 202 लोगों को गिरफ्तार किया गया गया है. वहीं 80 लोग पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस निर्दोश को सजा ना मिले और दोषी ना छूटे, इस सिंद्धात पर काम कर रही है. पुख्ता सबूत इक्ट्ठा कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नूंह के एसपी वरुण सिंगला का तबादला: नूंह हिंसा के बाद छुट्टी से वापस लौटते ही हरियाणा सरकार ने नूंह के एसपी वरुण सिंगला का ट्रांसफर कर दिया है. वरुण सिंगला शोभा यात्रा के पहले से छुट्टी पर थे. नरेंद्र बिजारणिया को नूंह का एसपी बनाया गया है. वरुण सिंगला के अवकाश पर होने के चलते पहले ही नरेंद्र बिजारणिया को भिवानी से नूंह भेजा गया था.
रोहिंग्या के अवैध कब्जों पर चला बुलडोजर: नूंह में हुए दंगों के बाद अब पुलिस ने दंगों की शुरुआती जांच के बाद नूंह में रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों पर बड़ा एक्शन लिया है. पुलिस ने तावडू रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये लोग हिंसा में शामिल थे. इन रोहिंग्याओं ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जा किया हुआ था.
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गुरुग्राम से पलायन शुरू: नूंह में हुई हिंसा के बाद मुस्लिम परिवारों ने गुरुग्राम से पलायन करना शुरू कर दिया है. शहर की शीतला कॉलोनी, न्यू पालम विहार, बादशाहपुर सहित स्लम एरिया में रहने वाले मुस्लिम परिवारों ने अपने मूल निवास का रुख कर लिया है. नूंह में भड़की हिंसा के बाद गुरुग्राम में भी छुटपुट हिंसा की घटनाएं हुई हैं, जिनके कारण इनके मन में डर बैठ गया है. वहीं, अब शहर में ज्यादातर नाई की दुकान, टायर पंचर लगाने वाले, कबाड़ की दुकान सहित कई अन्य दुकानें बंद हो गई हैं. उधर, शहर में कैब, ऑटो और ई रिक्शा की संख्या भी घट गई है. इतना ही नहीं सब्जी मंडी व सड़क किनारे लगने वाली रेहड़ियाें में भी 50 फीसदी की कमी आई है.
मुस्लिम एकता मंच के पदाधिकारियों की मानें तो 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम परिवार गुरुग्राम से पलायन कर चुके हैं. हालांकि जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा उनसे पलायन न करने की अपील की है. यहां तक कि जिला प्रशासन और पुलिस ने उन्हें आश्वस्त भी किया है कि गुड़गांव में हालात सामान्य हैं और उन्हें किसी भी तरह से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन लोगों के मन में बैठा डर उन्हें गुड़गांव से जाने के लिए विवश कर रहा है.
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जुम्मे की नमाज को लेकर प्रशासन अलर्ट: उधर, शुक्रवार को होने वाली जुम्मे की नमाज को लेकर मुस्लिम संगठनों ने भी अपील की है कि शुक्रवार को नमाज अपने घरों में ही अदा की जाए. उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से कहा है कि नमाज के लिए कोई भी अपने घर से बाहर ना निकलें और मस्जिद जाने का प्रयास न करें. शुक्रवार जुम्मे की नमाज के दिन हजारों मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करने के लिए गुरुग्राम की अलग-अलग मस्जिदों के साथ-साथ खुले में भी नमाज पढ़ते हैं. नूंह में हिंसा के बाद गुरुग्राम में रहने वाले मुस्लिम समुदाय में डर बना हुआ है. इसी को लेकर मुस्लिम संगठन के नेताओं द्वारा मुस्लिम समुदाय से अपील की गई है कि शुक्रवार जुम्मे की नमाज वह घर पर ही अदा करें. नूंह और गुरुग्राम समेत अन्य हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और सेना के जवान लगातार फ्लैग मार्च कर शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.