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Haryana Nuh Violence : हरियाणा-यूपी-राजस्थान-दिल्ली के सीमावर्ती जिलों में अलर्ट, जानें पूरे मामले पर अब तक क्या हुआ - braj mandal yatra VHP

हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या छह हो गई है. हरियाणा समेत पड़ोस के तीन अन्य राज्यों (यूपी, राजस्थान, दिल्ली) के सीमावर्ती जिलों में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई है. कोर्ट ने किसी भी सूरत में हेट स्पीच पर लगाम लगाने के आदेश दिए हैं. अब तक इस मामले में क्या हुआ, आइए इस पर एक नजर डालते हैं.

Nuh violence Haryana
नूंह हिंसा , हरियाणा

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Published : Aug 2, 2023, 6:04 PM IST

नई दिल्ली : हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़प में मरने वालों की संख्या छह हो गई है. इसकी वजह से राज्य के आठ जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है, ताकि हिंसा का दौर फिर से शुरू न हो जाए. कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. केंद्र सरकार ने प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भेजे हैं. पैरामिलिट्री फोर्स की 20 कंपनियां वहां पर तैनात की गई हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अब तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कुल 44 एफआईआर दर्ज किए गए हैं. रैपिड एक्शन फोर्स ने रात में फ्लैग मार्च किया. पूरे मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने एनआईए जांच की मांग की है.

दिल्ली-यूपी-राजस्थान में अलर्ट- उत्तर प्रदेश के ग्यारह सीमावर्ती जिलों में पुलिस को सतर्क कर दिया गया है. ये जिले हैं - बागपत, हापुड़, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, नोएडा, शामिली, मेरठ. इसी तरह से राजस्थान के अलवर, किशनगढ़, मालाखेड़ा, रामगढ़, गोविंदगढ़ में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है. दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद किया गया है. आज बजरंग दल ने एक विरोध मार्च भी निकाला, इसको लेकर विशेष रूप से सतर्कता बरती गई.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने - इस मामले पर एक याचिका दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करेगा. हालांकि, कोर्ट ने आज कहा कि हेट स्पीच के मामले पर वह पहले ही दिशा निर्देश दे चुका है, इसलिए उसका पालन अनिवार्य है. कोर्ट ने कहा कि सरकार सुनिश्चित करे कि किसी भी एरिया में कोई हिंसा न हो, और न ही किसी भी तरह की हेट स्पीच का प्रसार हो सके. हालांकि, कोर्ट ने बजरंग दल की दिल्ली में रैली पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

हरियाणा के सांसद और केंद्रीय मंत्री ने पीएम से की मुलाकात- केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम से सांसद हैं. उनका एक बयान मीडिया में आया है. इसमें उन्होंने इस हिंसा के लिए दोनों पक्षों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान दोनों पक्ष अगर हथियार लेकर चल रहे थे, तो यह बहुत ही गंभीर विषय है और इसकी जांच की जानी चाहिए.

क्या यात्रा की पूरी जानकारी नहीं साझा की गई थी - हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जिन लोगों ने जुलूस निकाला था, उस पर किसी ने हमला कर दिया. सीएम के अनुसार इसमें किसी साजिश की बू आती है. उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ितों की मदद के लिए सरकार अलग से योजना चलाएगी. मीडिया से बात करते हुए सीएम ने यह भी कहा कि पुलिस हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती है, क्योंकि हमारे पास 60 हजार जवान हैं, जबकि राज्य की जनसंख्या 2,7 करोड़ है.

हालांकि, राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटालाने पूरे मामले पर कुछ और ही कहा. उन्होंने कहा कि आयोजकों ने यात्रा रूट की पूरी जानकारी साझा नहीं की थी. चौटाला के अनुसार सीमित जानकारी होने की वजह से स्थिति बिगड़ गई और उस समय पर्याप्त सुरक्षा बल उपस्थित नहीं था.

कांग्रेस ने राज्य सरकार पर किया प्रहार - कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी थी कि इस यात्रा के दौरान हिंसा हो सकती है, फिर भी पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं करवाई गई. सुरजेवाला ने कहा कि इंटेलिजेंस एजेंसियों ने राज्य सरकार को अलर्ट किया था. कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से इस मामले में संदिग्ध नजर आती है. उन्होंने कहा कि पहले तो एसपी को छुट्टी दी गई, फिर मोनू मनेसर के भड़काऊ पोस्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, उलटे राज्य के मंत्री अनिल विज ने उसे पाक साफ घोषित कर दिया.

मायावती ने खट्टर को ठहराया जिम्मेवार - बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि जो राज्य सरकार सुरक्षा नहीं प्रदान कर सकती है, उसे इस तरह के आयोजनों को इजाजत ही नहीं देनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हरियाणा में भी मणिपुर की तरह कानून व्यवस्था चौपट हो गई है. केंद्र सरकार को इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए.

क्या कहा फारूक अब्दुल्ला ने - नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुग्राम में एक इमाम की हत्या पर चिंता प्रकट की. उन्होंने राज्य सरकार से कार्रवाई का अनुरोध किया है. उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर लिखा कि सरकार जल्द से जल्द स्थिति को नियंत्रण में लाए.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हरियाणा में हुए सांप्रदायिक हिंसा के दौरान कथित तौर पर बच्चों के इस्तेमाल की शिकायत को गंभीरता से लिया है. आयोग ने प्रशासन को जांच करने के आदेश दिए हैं. आयोग ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान सुनिश्चित कर उसे बाल सुधार गृह में भेजा जाएगा.

घटना से जुड़ा मोनू मनेसर का नाम- हरियाणा के पुलिस अधिकारी नरेंद्र सिंह बिजराणिया ने कहा कि ब्रज मंडल यात्रा में मोनू शामिल नहीं था. पुलिस के अनुसार उसके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. कुछ महीने पहले हरियाणा के भिवानी में जुनैद और नासिर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मोनू मनेसर आरोपी है. वह अपने आप को गोरक्षक बताता है. जुनैद और नासिर पर गो तस्करी के आरोप लगे थे. एक मीडिया चैनल से बात करते हुए मोनू ने स्थानीय विधायक को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है. मोनू ने यह भी कहा कि अगर कोई हमारी बहन-बेटियों की ओर देखेगा तो हम क्या करेंगे.

आपको बता दें कि ब्रज मंडल यात्रा से पहले मोनू का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कह रहा है कि यात्रा में शामिल होगा और देखते हैं कि कोई उसका क्या बिगाड़ लेगा. हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हरियाणा की घटना के लिए मोनू मनेसर को जिम्मेदार ठहराया है. ओवैसी ने कहा कि अगर समय रहते ही मोनू पर कार्रवाई की गई होती, तो यह घटना नहीं होती.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार रात को गुरुग्राम के अंजुमन मस्जिद पर भी हमला किया गया था. जय भारत भाता वाहिनी के प्रमुख दिनेश भारती पर भी सोशल मीडिया में भड़काऊ पोस्ट करने का आरोप है.

क्या था मामला - विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा के दौरान सोमवार को दो समुदायों के बीच टकराव हो गया. थोड़ी ही देर में यह टकराव हिंसा में तब्दील हो गई. भीड़ ने इस यात्रा पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. पत्थरबाजी से बचने के लिए ढाई हजार से भी अधिक लोग पास के मंदिर में छिप गए. जब तक पर्याप्त सुरक्षा बल उपस्थित होता, तब तक हिंसा फैल चुकी थी. यह भी दावा किया जा रहा है कि बल्लभगढ़ में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कुछ पोस्ट किया था. इसकी वजह से तनाव हो गया था. हिंसा में छह लोग मारे गए. इनमें दो होमगार्ड के जवान और चार आम नागरिक हैं.

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