चंडीगढ़: शनिवार को चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के बीच अहम बैठक हुई. बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि सिर्फ पानी पर सेस के विषय पर ही नहीं बल्कि कई विषयों पर चर्चा हुई है. सीएम खट्टर ने बताया कि रेणुका, किशाऊ और लाखवार बांध के एमओयू पर भी बातचीत हुई है. इस एमओयू में केंद्रीय जल शक्ति विभाग को भी शामिल करेंगे, ताकि राज्यों को अपनी जरूरत की बिजली और पानी मिल सके. इसके अलावा बद्री धाम पर काम शुरू करने को लेकर चर्चा हुई है.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पानी पर सेस को लेकर हिमाचल ने कानून बनाया है, तो हमने विधानसभा में कानून बनाकर इस फैसले का विरोध किया. अब बातचीत के जरिए इसका समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य ऐसा कानून पास नहीं बना सकता, जिससे दूसरों राज्यों के हित प्रभावित हो. हाइड्रो कंपनी पर सेस लगाने से उनकी लागत बढ़ जाएगी जो सैद्धांतिक विषय है. जिस पर दोनों सरकारें चर्चा करेंगी. इसके अलावा पिछली सरकार में जो बातचीत हुई थी. उसको भी आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आज दोनों राज्यों के बीच पहली मुलाकात हुई है. भविष्य में आगे भी ऐसे मुलाकात होती रहेगी. केंद्र सरकार ने हिमाचल से अन एलोकेटेड बिजली कोटा खत्म करने की बात कही है. इससे हरियाणा में बिजली की लागत पर असर पड़ेगा. एसवाईएल पर सीएम ने कहा कि ये हरियाणा और पंजाब का विवाद है. अगर हिमाचल का भी कोई विवाद है, तो जरूरत पड़ने पर दोनों राज्य मिलकर लड़ेंगे. सीएम ने कहा कि पड़ोसियों के संबंध हमेशा पक्के होने चाहिए.