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हरियाणा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले को दी मंजूरी, ब्रिटेन होगा कंट्री पार्टनर - 15 देशों के हस्त-शिल्पकारों की भागीदारी

हरियाणा सरकार ने इस बार राज्य के सूरजकुंड में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले को मंजूरी दे दी है. ये मेला अगले साल 4 फरवरी से लगेगा. इस बार मेले का कंट्री पार्टनर ब्रिटेन को बनाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले को हरियाणा सरकार की मंजूरी
सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले को हरियाणा सरकार की मंजूरी

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Published : Sep 5, 2021, 3:53 PM IST

फरीदाबाद :हरियाणा के सूरजकुंड में हर साल लगने वाले अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले (Surajkund International Handicraft Fair) को इस बार हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने अपनी मंजूरी दे दी है. ये मेला 4 फरवरी 2022 से 20 फरवरी 2022 तक कुल 17 दिन के लिए लगेगा. बता दें, पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का आयोजन नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है.

इस बार सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले (Surajkund International Handicraft Fair) का कंट्री पार्टनर ब्रिटेन (Britain) रहेगा. हालांकि अब तक थीम स्टेट को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है. इस मेले में भारत के अलावा करीब 15 देशों के हस्त-शिल्पकारों की भागीदारी रहती है.

सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले को हरियाणा सरकार की मंजूरी

हर साल लाखों की संख्या में देश और विदेश के पर्यटक मेला देखने के लिए आते हैं. मेले में अलग-अलग देशों की संस्कृति और वहां से कारीगरों के हाथों से बने प्रोडक्ट देखने को मिलते हैं.

1987 से शुरू हुआ था सूरजकुंड मेला

फरीदाबाद (Faridabad) के अरावली वन क्षेत्र स्थित सूरजकुंड में पहला हस्तशिल्प मेला 1987 में आयोजित किया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने हस्तशिल्प, हस्त करघा और भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के लिए इसकी शुरूआत की थी. शुरू के वर्षों में देशभर के विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों को आमंत्रित किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार एशियाई देशों तक होने लगा.

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साल 2020 में एक फरवरी से शुरू हुए सूरजकुंड मेले में दुनिया के 40 देशों के शिल्पकार और कलाकारों ने हिस्सा लिया था. 15 फरवरी तक चले इस मेले में दिल्ली एनसीआर के करीब 12 लाख लोग पहुंचे थे. मेले की शुरूआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की थी. इस अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में देश का कोई एक राज्य थीम स्टेट और आमंत्रित देशों में से कोई एक पार्टनर कंट्री होता है. मेला शुरू होने से पहले ये तय हो जाता है.

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