पानीपत:हरियाणा के जिला पानीपत की 21 सितंबर की काली रात जब जब गैंगरेप पीड़ित महिलाओं को याद आती है तो वो सहम जाती हैं. बदमाशों ने हैवानियत की सारी हदें पारकर तीन महिलाओं के साथ गैंगरेप किया. रात एक बजे से लेकर सुबह चार बजे तक बदमाशों का तांडव चलता रहा. गैंगरेप के बाद बदमाश वहां से लूटपाट करके फरार हो गए. 3 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक लुटेरों का कहीं कोई सुराग नहीं लग पाया है. पीड़ित महिलाओं ने उस रात की जो सच्चाई बताई है वो सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए.
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पीड़ित महिलाओं ने बताई आपबीती: पीड़ित महिलाओं ने उस भयावह रात की खौफनाक दास्तां सुनाई है.एक पीड़ित ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. देर रात काम करके खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे. तभी डेरे पर चार लोग दाखिल हो गए. उनको लगा कोई पड़ोसी किसान होंगे. जब वह बरामदे के अंदर दाखिल हुए, तो उन्होंने अपने मुंह को कपड़े से बांधकर ढक रखा था. वो लोग हाथों में तलवार, देसी तमंचे और डंडे लिए हुए थे.
पुरुषों-बच्चों पर हथियार तान कर गैंगरेप: महिला ने बताया कि लुटेरों ने आते ही सभी को पीटना शुरू कर दिया और सभी को एक कमरे में लेकर गए. वहां घर के सभी पुरुषों पर तलवार और तमंचे तान दिए. एक युवक बाहर गया और बाहर से कपड़े सुखाने वाली रस्सी काटकर लाया. सभी पुरुषों को पीछे की तरफ हाथ बांध दिए और मुंह में कपड़ा ठूंस दिया. उनके 1 साल के बच्चे को एक हाथ से ऊपर उठा लिया और बोला कि चिल्लाओ मत वरना सभी को खत्म कर देंगे. इसके बाद बदमाशों ने घर की तीन महिलाओं को दूसरे कमरे में जाने को कहा. जैसे ही वह तीनों महिलाएं कमरे में अंदर घुसी तो लुटेरों ने जिस कमरे में पुरुषों को बंधक बनाया था, उस कमरे की कुंडी बाहर से लगा दी. बदमाशों ने बच्चों को भी उसी कमरे में बंद कर दिया.
2 महीने की गर्भवती चिल्लाती रही, वो मारते रहे: इसके बाद सभी लुटेरे तीनों महिलाओं को एक कमरे में लेकर गए. वहां तमंचे के बल पर बारी-बारी से गैंगरेप करना शुरू कर दिया. एक पीड़ित महिला दो महीने की गर्भवती भी थी. उसने लुटेरों के सामने हाथ जोड़े कि वह गर्भवती है, आप पैसे और जेवरात लेकर जाओ उसे छोड़ दो पर लुटेरों ने इतना सुनते ही हरियाणवी मे कहा, चुप हो जा वरणा सबको जान ते मार दूंगा. इतना कहते ही गर्भवती महिला के गाल पर जोर से काट लिया. करीब ढाई घंटे लुटेरे इसी घिनौनी वारदात को अंजाम देते रहे.
गैंगरेप के बाद लूट: पीड़ितों के लिए वो रात कयामत की तरह थी. पीड़ित महिलाओं के मुताबिक, उस रात के ढाई घंटे मानों 24 घंटों के बराबर हो गए हों. बारी-बारी सबके साथ दुष्कर्म करने के बाद लुटेरे एक जगह से 10 हजार व दूसरी जगह से 3 हजार और डेरे पर रखे गहने और जमीन में छुपाकर रखी कान की बालियां लेकर फरार हो गए.
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डेरे को खाली करने की दी धमकी: मौका-ए-वारदात से जाते समय लुटेरे पीड़ित के फोन से सभी सिम निकालकर खेतों में फेंक गए और एक कमरे में सभी पुरुषों और दूसरे कमरे में महिलाओं को बंद करके फरार हो गए. जाते-जाते कह गए कि डेरे को जल्द ही खाली कर दो. एक मोबाइल फोन पर लुटेरों की नजर नहीं पड़ी जिसके बाद पीड़ितों ने उस फोन से डेरे के मालिक को सूचित किया. महिलाएं यह दास्तां बताते हुए सहम उठती हैं और यही कहती हैं कि उन्हें उस खौफनाक मंजर की याद मत दिलाओ.
बच्चों को भी पीटते रहे लुटेरे: पीड़ित महिलाओं का कहना है कि वह संघर्ष करती पर उनके पति और बच्चे तलवार की नोंक पर थे. उस रात वो सभी महिलाएं इतनी बेबस और लाचार थी कि चाहकर भी अपनी आबरू को बचा नहीं पाई. महिला ने बताया कि जैसे ही लुटेरे दाखिल हुए थे, उन्होंने बच्चों को भी पीटना शुरू किया और बच्चों को मारने की धमकी देकर बारी-बारी से सभी महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया. वो तब तक उनकी अस्मत को लूटते रहे जब तक उनका मन नहीं भरा.
लुटेरों का शिकार हुए 3 परिवार: खेतों में बने इस डेरे पर उत्तर प्रदेश के रहने वाले 35 वर्षीय युवक ने बताया कि वह पिछले दो सालों से अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ रह रहा है. उसने अपनी बुआ के लड़के और उसकी पत्नी को भी वहीं काम पर बुला लिया. जो अपने दो बच्चों के साथ वहीं रहता है. इसके अलावा उसका एक और रिश्तेदार भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ वहीं पर रहा रहा था. जिसकी पत्नी दो महीने की गर्भवती है.
पहले भी हो चुकी है वारदात: यहां रहने वाले एक परिवार ने बताया कि पहले भी यहां पर तीन लोग दाखिल हुए थे और डेरे पर उन्होंने लूट का प्रयास किया था. उस समय डेरे पर कुछ भी नहीं मिला था. उस समय भी लूट करने आए लुटेरे जाते-जाते यही बात कह कर गए थे कि इस डेरे को खाली कर दो. दोनों वारदात में एक ही शब्द का प्रयोग होना एक ही गैंग की तरफ इशारा कर रहा है.
स्थानीय नौकर पर शक की सुई: पहली बार जब इन मजदूरों ने मालिक से पैसे मांगे थे तो उस समय खेतों में काम करने वाला लोकल नौकर रमेश भी वहीं पर मौजूद था और दूसरी बार लेबर ने मालिक से पैसे लिए तो उस समय भी रमेश वहीं पर मौजूद था. शक की सुई रमेश और उसके दोस्त शेर पर घूम रही है और शेर सहित पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है.
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