चंडीगढ़:हरियाणा में सरसों की खेती करने वाले किसान खुश दिखाई दे रहे हैं. किसानों की खुशी की वजह है सरसों की फसल पर मिलने वाला दाम. हरियाणा के कुरुक्षेत्र और पलवल में किसानों को फसल का दाम एमएसपी से अधिक मिल रहा है. इसके पीछे कारण है तेल पर लगने वाला आयात शुल्क.
दरअसल, हाल में पेश किए केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पाम ऑयल पर एग्रीकल्चर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाने का ऐलान किया है. अब उनके इस ऐलान के बाद से सरसों की खेती करने वाले किसानों मालामाल हो रहे हैं. कुरुक्षेत्र में सरसों का दाम 5 हजार से 5500 रुपये मिल रहा था, लेकिन अब किसानों की फसल छह से 6500 हजार रुपये में खरीदी जा रही है.
कुरुक्षेत्र मंडी में आए किसान महावीर सिंह बताते हैं कि इस साल काली सरसों 5500 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर ही बिक रही है, जबकि पिछले साल इसके दाम 3500 रुपये शुरू होकर 4000 रुपये प्रति क्विंटल ही रहे थे. पीली सरसों छह हजार रुपये के आस-पास बिक रही है. बीत वर्ष इसके भाव 4800 से 5200 रुपये प्रति क्विंटल तक रहे थे.
आखिर क्यों बढ़ी डिमांड?
सरकार ने दो फरवरी से पाम तेल पर मूल्य आयात शुल्क 15 फीसद और कृषि वकास सेस 17.50 फीसद लागू किया है. यानी कुल 32.50 फीसद का शुल्क लगा है. ऐसे में अब तेल के कारोबारी तेल को कम से कम इंपोर्ट कर रहे हैं और इसका फायदा देश के किसानों को मिल रहा है.