चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) को एक चिट्ठी लिखी है. ये चिट्ठी पिछले दिनों भारतीय छात्र के साथ LSE में हुए भेदभाव को लेकर लिखी गई है. जिसे करण कटारिया नाम के छात्र ने सोशल मीडिया के जरिये उठाया था. करण कटारिया हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले हैं और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने LSE को छात्र से हुए भेदभाव से जुड़े मामले और छात्र की सुरक्षा को लेकर ये चिट्ठी लिखी थी जिसके जवाब में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने भी जवाब में करण कटारिया की सुरक्षा और भेदभाव के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है
मामला क्या है-दरअसल लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ने वाले गुरुग्राम के छात्र करण कटारिया ने आरोप लगाया था कि भारतीय और हिंदू होने के कारण उन्हें वहां होने वाले छात्र संघ चुनावों के लिए अयोग्य घोषित किया गया है. जिसके बाद मामले ने मीडिया में भी खूब तूल पकड़ा था. करण कटारिया ने अपने सोशल मीडिया के जरिये अपने साथ हो रहे इस तरह के भेदभाव को उठाया था.
आपको बता दें कि करण कटारिया LSE के स्कूल ऑफ लॉ से LLM कर रहे हैं. वो LSE छात्र संघ चुनाव में महासचिव पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन बाद में उन्हेंचुनाव से डिस्क्वलीफाई कर दिया गया. करण कटारिया ने खुद को चुनाव से अयोग्य ठहराये जाने के पीछे हिंदू फोबिया और अपने भारतीय होने को प्रमुख कारण बताया था. करण ने यहां तक कहा कि मैं इस मामले में चुप नहीं बैठूंगा. ये मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया. अयोग्य ठहराये जाने के बाद करण कटारिया ने ट्वीट भी किया.
'मैंने भारत विरोधी बयानबाजी और हिंदूफोबिया के कारण व्यक्तिगत, विद्वेषपूर्ण और टारगेट हमलों का सामना किया है. मैं मांग करता हूं कि LSESU अपने पारदर्शी होने के दावे को साबित करे. मैं हिंदूफोबिया का मूक शिकार बनकर नहीं रहूंगा'. करण कटारिया, एलएलएम छात्र, LSE