नई दिल्ली : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात लगभग एक घंटे तक चली. मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में खट्टर ने कहा कि उन्होंने कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के किनारे बन रहे रेल गलियारे के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया.
किसानों के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में भी चर्चा हुई और साथ ही पिछले दिनों करनाल में हुए किसानों के आंदोलन पर भी बात हुई.
ज्ञात हो कि कृषि संबंधी तीन केंद्रीय कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का एक समूह दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले नौ महीनों से प्रदर्शन कर रहा है.
प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून की मांग कर रहे हैं.
हालांकि सरकार का दावा है कि इन तीनों कृषि कानूनों से अपने उत्पाद को कहीं भी बेचने का विकल्प उपलब्ध कराने वाले हैं और इससे उनके जीवन में सुधार आएगा.
हालांकि हरियाणा में खट्टर सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं, इस बैठक के साथ ही कयासों का दौर भी शुरू हो गया है. इस बैठक को हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन से जोड़ कर देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि भाजपा ने पिछले कुछ महीनों तीन राज्यों कर्नाटक, उत्तराखंड और गुजरात में मुख्यमंत्री बदले हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगली बारी हरियाणा की हो सकती है. हालांकि, हरियाणा में भाजपा के लिए दूसरा विकल्प तलाशना आसान नहीं होगा.
अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको देखते हुए भाजपा रणनीति के तहत कुछ राज्यों में मुख्यमंत्रियों को बदल रही है.
लाठीचार्ज पर हुआ था विवाद
हरियाणा में सीएम मनोहर लाल खट्टर का यह दूसरा कार्यकाल है, लेकिन किसान आंदोलन के कारण राज्य का राजनीतिक माहौल बदल रहा है. तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारी किसान भाजपा के खिलाफ दिख रहे हैं.
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किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा प्रभाव हरियाणा में देखा जा रहा है. बीते दिनों करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज की घटना को लेकर काफी विवाद हुआ था. ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार में साझेदार जननायक जनता पार्टी का दबाव है कि सरकार किसानों से बातचीत शुरू करे.