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कृषि कानूनों पर हरसिमरत कौर का ट्वीट, राहुल पर साधा निशाना - harsimrat kaur

कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से इस्तीफा देने वालीं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि इन कानूनों के खिलाफ कई भाजपा नेता पार्टी से अलग हो रहे हैं. उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए राहुल गांधी को भी आड़े हाथों लिया है.

हरसिमरत कौर
हरसिमरत कौर

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Published : Jan 15, 2021, 8:40 PM IST

नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भाजपा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोनों को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने राहुल के संदर्भ में राहुल से तीखे सवाल किए हैं.

हरसिमरत ने ट्वीट कर लिखा, प्रेस वार्ता करने और पंजाब के लोगों को खालिस्तानी कहे जाने पर घड़ियाली आंसू बहाने से पहले राहुल को यह बताना चाहिए कि उनकी दादी (इंदिरा गांधी) ने पंजाब के लोगों के इन्ही शब्दों का प्रयोग क्यों किया था.

ट्वीट कर राहुल पर साधा निशाना.

अपने ट्वीट में हरसिमरत ने राजीव गांधी का जिक्र करते हुए राहुल से पूछा कि आपके पिता (राजीव गांधी) ने उन्हें (पंजाब के सिख / 1984 दंगा) क्यों मार डाला ?

हरसिमरत ने राहुल से पूछा कि आपने पंजाब के लोगों को नशीली दवाओं का आदी (drug addict) क्यों कहा ? उन्होंने राहुल से दो टूक लहजे में कहा कि एक बार जब आपके पास इन सवालों के जबाव हों केवल तभी पंजाब के किसानों के बारे में बात करें.

हरसिमरत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि जब किसानों का धरना पंजाब में चल रहा था, उस समय राहुल गांधी कहां थे. उन्होंने कहा कि जब संसद में बिल में पारित किया गया था, तो राहुल कहां थे?

कांग्रेस के रूख पर सवाल खड़े करते हुए हरसिमरत ने कहा कि राज्य सभा में कृषि विधेयकों पर कार्यवाही के दौरान 40 कांग्रेसी सांसद अनुपस्थित थे.

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उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम अब बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के साथ हैं. क्या राहुल को लगता है कि उनके छलावे से भरे और सहानुभूतिपूर्ण शब्द अपराध में उसकी संलिप्तता धो देंगे?

हरसिमरत कौर का भाजपा पर निशाना.

कृषि कानूनों के खिलाफ भाजपा के नेताओं के पार्टी से अलग होने को लेकर हरसिमरत ने कहा कि दशकों तक भाजपा के साथ रहे मालवा (मध्य प्रदेश) के 10 शीर्ष भाजपा नेताओं ने अपने विवेक का पालन किया है.

हरसिमरत ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में इन भाजपा नेताओं ने किसानों के साथ एकजुटता दिखाई है और कानूनों को निरस्त करने की मांग के समर्थन में भाजपा से इस्तीफा दिया है.

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