नई दिल्ली :भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं और टीकाकरण पद्धति से संबंधित मामलों पर स्वत: संज्ञान लिया है. हालांकि, इस मामले की सुनवाई में हुई कथित देरी और वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी बनाए जाने को लेकर हो रही आलोचना पर निराशा व्यक्त की है. आलोचना के बाद साल्वे ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया है.
बता दें कि गुरुवार को वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन आज उन्होंने खुद को इस मामले से अलग कर लिया. साल्वे ने कहा कि उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्हें एमिकस क्यूरी इसलिए बनाया गया क्योंकि सीजेआई के साथ स्कूल और कॉलेज के दिनों से ही उनके व्यक्तिगत संबंध हैं.
साल्वे ने यह भी कहा कि इसका बहुत संवेदनशील मामला है जो अदालत के सामने आया है, वे नहीं चाहते कि मामले में फैसला होने के पहले इस तरीके के आरोप लगाए जाएं.
इस तरह के आरोपों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, सीजेआई बोबडे ने कहा कि भविष्य में न्यायपालिका को यह ध्यान रखना होगा कि एक ऐसे व्यक्ति को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया जाए जिसे न्यायाधीश पहले से नहीं जानते हों. इसके बाद सॉलिसीटर जनरल ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय मांगा. इसके बाद मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया गया.