देहरादून (उत्तराखंड):22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. बीजेपी इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. देश भर के अलग-अलग जिलों में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हमेशा से राजनीति होती रही है. बीजेपी, कांग्रेस पर आरोप लगाती रही है कि वह मंदिर निर्माण से खुश नहीं है. जबकि कांग्रेस समेत दूसरे दल बीजेपी पर ये आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा मंदिर और भगवान राम का सहारा लेकर राजनीति करती है.
बहरहाल, 22 जनवरी के आयोजन में सीमित लोगों को आमंत्रित किया गया है. इस बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने राम मंदिर को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ये लिखकर जानकारी दी है कि उनके सपने में श्रीराम आए हैं.
सोशल मीडिया पर अमूमन हरीश रावत बेहद सक्रिय रहते हैं और इसी सक्रियता के बीच हरीश रावत ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी है. हरीश रावत ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा, कल रात मुझे ऐसा लगा जैसे भगवान राम मेरे सिरहाने पर बैठे हो और मुझे यह कह रहे हों कि अयोध्या जरूर आना. हरीश रावत आगे लिखते हैं, मैंने भी यही इच्छा जताई है कि मैं जल्द ही राम के दर्शन के लिए अयोध्या जाऊंगा. इसके लिए रामनवमी या उसके आसपास का दिन सही रहेगा.
अयोध्या जरूर जाऊंगा: उन्होंने आगे लिखा, हम यदि दलगत राजनीति में राम को लपेटने की कोशिश करेंगे तो हम उनके उस सर्वग्राही मूर्ति वाणी विग्रह के साथ अन्याय करेंगे. हमारी श्रद्धा दिखावा हो जाएगी. यदि हमारी श्रद्धा वास्तविक है तो हमको राम को अपने स्वाभाविक रूप में लोगों को स्मरण करने देना चाहिए. 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यूं तो राम सबके प्रिय हैं. मगर संस्कारिकता/सांसारिकता का तकाजा है कि श्री राम की बाल विग्रह मूर्ति में भी प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा. यह हमारे सनातन परंपरा का हिस्सा है. मैं इस अवसर को भी प्रणाम करता हूं, नमन करता हूं. जब अयोध्या में भीड़भाड़ की स्थिति सामान्य होने लगेगी तो राजा रामचंद्र जी के आदेशानुसार उनके दर्शनों के लिए मैं अयोध्या जरूर जाऊंगा.
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हरीश रावत ने विस्तार पूर्वक राम मंदिर और वहां जाने को लेकर अपना लेख लिखा. साथ में यह भी लिखा है कि जैसे ही वह सोकर उठे उनका सपना टूट गया. लेकिन इतना जरूर तय हो गया कि वह जल्द ही राम के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे. अपने अंदाज में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी को साधते हुए हरीश रावत ने भगवान श्री राम की अलग तरीके से व्याख्या की है. साथ ही राम के नाम पर दलगत राजनीति और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भी उन्होंने अपना पक्ष रखा है. फिलहाल हरीश रावत ने यह साफ कर दिया है कि वह जल्द ही भगवान श्री राम के दर्शन के लिए अयोध्या जा रहे हैं.