देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने विरोधियों के निशाने पर हैं. सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने हरीश रावत पर चुनाव में पार्टी का टिकट बेचने का आरोप लगा दिया. इससे आहत हरीश रावत ने कहा है कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे. हरीश रावत ने कहा कि होलिका जल रही है. कांग्रेस हरीश रावत नाम की बुराई को भी उसमें जला दे.
दरअसल सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने कहा था कि हरीश रावत ने चुनाव में टिकट बेचे हैं. उनके मैनेजर कुछ लोगों के पैसे लौटा चुके हैं. कुछ लोग पैसे लौटाने के लिए तकादा कर रहे हैं. रणजीत रावत ने दावा किया था कि हरीश रावत के कारण ही कांग्रेस रामनगर, लालकुआं और सल्ट सीट हारी है.
रणजीत रावत और हरीश रावत में क्या विवाद है? :रणजीत रावत और हरीश रावत की पहले गहरी दोस्ती थी. दोनों की दोस्ती को जय-बीरू की दोस्ती बताया जाता था. 2014 में जब विजय बहुगुणा के हटने के बाद हरीश रावत मुख्यमंत्री बने थे तो रणजीत रावत को भी सरकार में अहम जिम्मेदारी दी गई थी. रणजीत रावत तब मिनी मुख्यमंत्री नाम से फेमस हो गए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया था. तभी से दोनों के रास्ते भी अलग-अलग हो गए थे. रास्ते अलग हुए तो एक-दूसरे पर व्यंग्य बाण चलाने के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए जाने लगे.