देहरादून : उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. पूर्व सीएम हरीश रावत उत्तराखंड के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष के साथ-साथ पंजाब के पार्टी प्रभारी भी थे. ऐसे में रावत का एक पैर चंडीगढ़ तो दूसरा पैर देहरादून में रहता था. जिसे देखते हुए कांग्रेस ने हरीश रावत को पंजाब प्रदेश प्रभारी के साथ ही महासचिव पद से भी हटा दिया गया है. हरीश रावत सीडब्ल्यूसी के सदस्य बने रहेंगे.
बता दें, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस अलाकमान से उन्हें पंजाब प्रभारी के पद से हटाने का अनुरोध किया था. हरीश रावत ने पार्टी से कहा था कि पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव आने वाले हैं. ऐसे में दोनों जगहों पर उन्हें पूरा समय देना होगा. ऐसे में उनके लिए परिस्थितियां कठिन होती जा रही हैं.
पंजाब प्रभारी के पद से हटाए जाने पर हरीश रावत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के नेतृत्व को धन्यवाद दिया. उन्होंने पंजाब कांग्रेस के सभी साथी सहयोगियों का शुक्रिया अदा किया. हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा कि पार्टी के प्रति कर्तव्य की पुकार है कि मैं एक स्थान उत्तराखंड में पूरी शक्ति लगाऊं. मेरे दिल में हमेशा पंजाब रहेगा.
अब उत्तराखंड ही रहेगा फोकस
हरीश रावत एक ओर पंजाब के पार्टी प्रभारी थे तो दूसरी ओर उनको उत्तराखंड के चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन दोनों को मैनेज करने में रावत को परेशानी होने लगी थी. उनका एक पैर चंडीगढ़ तो दूसरा पैर देहरादून में रहता था.
वहीं, पंजाब में राजनीतिक हलचल के कारण वह उत्तराखंड चुनाव पर ध्यान नहीं लगा पा रहे थे. इस बीच पंजाब में इतनी बड़ी उथल-पुथल हो गई कि अमरिंदर बनाम सिद्धू की जंग में चन्नी सरकार को स्टेबल करना मुश्किल हो गया. न पंजाब में कुछ सही हो सका और न ही उत्तराखंड में कांग्रेस रफ्तार पकड़ पाई. ऐसे में कांग्रेस को इस बात का भी डर था कि कहीं ऐसा न हो कि उत्तराखंड में पार्टी मजबूती से अपनी दावेदारी पेश न कर पाए.