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अपनी बढ़ती उम्र में भी सुपर एक्टिव हैं हरीश रावत, युवाओं को दे रहे टक्कर!

बहादराबाद मतगणना केंद्र (Bahadarabad Counting Center) पर पंचायत चुनाव की काउंटिंग के समय पुलिस पर पत्थरबाजी (stone pelting on police) हुई थी. इसके खिलाफ कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज हुए हैं. इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है. वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत भी इस मामले में मुखर हो गए हैं. हरीश रावत रात भर बहादाराबाद थाना परिसर में धरने (Haridwar Harish Rawat Protest) पर डटे रहे. रात के बाद सुबह हरीश रावत थाना परिसर में ही कसरत करते दिखाई दिए.

Bahadarabad Counting Center
अपनी बढ़ती उम्र में भी सुपर एक्टिव हैं हरीश रावत, युवाओं को दे रहे टक्कर!

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Published : Oct 22, 2022, 8:55 PM IST

Updated : Oct 22, 2022, 10:44 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) भले ही बीते कुछ सालों में हुए चुनावों में जनता का दिल ना जीत पाए हो लेकिन इस उम्र में भी जिस तरह से वह एक विपक्ष के बड़े नेता की भूमिका निभा रहे हैं यह काबिले तारीफ है. आए दिन हरीश रावत कुछ ना कुछ ऐसा कर जाते हैं जो सोशल मीडिया पर ना केवल वायरल होता है बल्कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता भी उनकी चर्चा करने पर मजबूर हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ मामला इन दिनों हरिद्वार के बहादराबाद थाना क्षेत्र के बाहर चल रहा है. जिसको लेकर हरीश रावत की कुछ फोटो तो कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं.

दरअसल, अपनी बेटी अनुपमा रावत (Harish Rawat daughter Anupama Rawat) की विधानसभा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए मुकदमों को वापस लेने के लिए अनुपमा रावत पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गई. धरने की सूचना जैसे ही उनके पिता हरीश रावत को लगी वैसे ही वे 21 अक्टूबर शाम 4 बजे हरिद्वार के बहादराबाद थाना क्षेत्र में पहुंचे. जहां उन्होंने ना केवल अपनी बेटी का साथ दिया बल्कि अपने ही अंदाज में उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई की विरोध किया.

अपनी बढ़ती उम्र में भी सुपर एक्टिव हैं हरीश रावत.

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21 अक्टूबर शाम 4 बजे बहादराबाद थाने पहुंचे हरीश रावत के साथ कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे. पुलिस को यह बात हल्के में लगी. पुलिस को लगा हरीश रावत कुछ देर का मौन धारण कर विरोध जताकर यहां से निकल जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं हुआ. हरीश रावत ने भी अपनी बेटी के साथ धरना स्थल पर ही डेरा डाल दिया. हरीश रावत देर रात तक जब हरिद्वार के बहादराबाद थाना क्षेत्र से नहीं उठे तब कुछ पुलिसकर्मियों ने उनसे आग्रह किया. ठंड अधिक होने की वजह से उम्र ज्यादा होने की वजह से पुलिसकर्मी यह चाहते थे कि हरीश रावत थाने के बाहर रात ना गुजारे, लेकिन हरीश रावत के समर्थकों ने ना केवल खाने-पीने का इंतजाम बल्कि बोरिया बिस्तर भी थाने के बाहर ही जमा दिया.

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हरीश रावत ने भी पुलिस के खिलाफ इस अनोखे प्रदर्शन के दौरान थाने के बाहर ही खाना खाया पानी खाया. वह सारे नित्य कर्म किए जो पूरे दिन में होते हैं. हरीश रावत सुबह उठकर थाने के बाहर ही योगा प्राणायाम करते हुए भी दिखाई दिए. इस उम्र में भी हरीश रावत जिस तरह से एक्टिव है वो युवा नेताओं के लिए एक सीख है. उनके विरोध प्रदर्शन के तरीकों से सत्ता और पुलिस हर बात ही हिल जाती है. भले ही हरीश रावत राजनीति से सन्यास की बातें लाख बार करते रहें लेकिन इस उम्र में भी उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा किसी नौजवान से कम नहीं है. अपनी बेटी के समर्थन में थाने पर बैठे हरीश रावत अभी भी पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ वहीं पर बैठे हुए हैं.

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साफ कहा कि जब तक हरिद्वार पुलिस तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगाए गए मुकदमों को वापस नहीं लेगी तब तक वह इस थाना क्षेत्र की सीमा से बाहर नहीं जाएंगे. पुलिस को चेतावनी देते हुए हरीश रावत ने यह तक कह दिया किया तो मुकदमे वापस लिए जाएं या फिर यहां से अब उनका मृत शरीर ही जाएगा. हरीश रावत ने पुलिस को धमकी दी है कि अगर उनके साथ या उनके कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने कोई भी जोर जबरदस्ती की तो वह हर की पैड़ी पर प्राण त्याग देंगे.

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हरीश रावत सूबे की बीजेपी सरकार पर भी लगातार ये आरोप लगा रहे हैं कि पंचायत चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलवाई है, वह सदस्यता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मन से नहीं बल्कि डर से ली है. बीजेपी कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ताओं को धमकाने और डराने का काम कर रही है. जिसका नतीजा यह हो रहा है कि लगातार कांग्रेस और अन्य पार्टी के नेता बीजेपी का दामन थाम रहे हैं.

Last Updated : Oct 22, 2022, 10:44 PM IST

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