चंडीगढ़ :पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के उस बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा बढ़ा दी है जिसमें उन्होंने कहा है कि कैप्टन और सिद्धू के झगड़े से पंजाब कांग्रेस को फायदा होगा. इस बयान को लेकर कई मायने लगाए जा रहे हैं, क्योंकि शुरू से ही विपक्ष पंजाब कांग्रेस पर यह आरोप लगता रहा है कि यह विवाद जान बूझकर करवाया जा रहा है जिससे पंजाब के मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके.
हरीश रावत के बयान को लेकर विपक्षी दल के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि उनका बयान स्पष्ट करता है कि कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने जानबूझकर पंजाब के लोगों को लोक हित के मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसा किया. उन्होंने कहा कि आखिर हरीश रावत के बयान से आज सच्चाई सामने आ गई है. अब पंजाब के लोग समझ गए हैं और 2022 के चुनावों में पंजाब की जनता उन्हें सबक जरूर सिखाएगी जिससे कांग्रेस पार्टी ना सिर्फ पंजाब में बल्कि देश में भी कहीं खड़ी नहीं हो पाएगी.
इसीक्रम में अकाली दल के नेता कर्मबीर गोराया ने कहा कि हरीश रावत पढ़े लिखे व्यक्ति हैं लेकिन लोगों को मूर्ख बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि आपसे कांग्रेस का विवाद खत्म नहीं हो रहा था तो आपको हाई कमान को बताना चाहिए कि पंजाब में कुछ भी ठीक नहीं है और हालात काफी खराब हैं. गोराया ने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि किसी अन्य पार्टी को मौका मिल सके.