देहरादून : विधानसभा चुनाव के बाद हरीश रावत और उनकी बेटी अनुपमा रावत से 'ईटीवी भारत' ने एक्सक्लूसिव बातचीत की है. हरीश रावत ने दलित सीएम बनाए जाने और अनुपमा को हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़ाए जाने जैसे सवालों पर खुलकर बात की.
अनुपमा रावत ने भी ईटीवी भारत के सवालों का खुलकर जवाब दिया. चाहे हरिद्वार में खनन का मुद्दा हो या फिर चुनावों की चुनौतियों की बात. हर एक सवाल पर रावत परिवार ने अपने विचारों को रखा. आइए हम आपको सिलसिलेवार ईटीवी भारत के सवाल और हरीश और अनुपमा के जवाबों को बतातें हैं.
बेटी को मिला टिकट तो डर गए थे हरीश रावत : दरअसल, इस बार हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण से स्वामी यतीश्वरानंद के सामने कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ीं. इस बारे में जब हरीश रावत से पूछा गया तो उनका यह कहना था कि उनको भी इस निर्णय पर थोड़ा सा डर लग रहा था कि उनकी बेटी का यह पहला चुनाव है. पार्टी ने ऐसी सीट से चुनाव मैदान उतारा है, जहां से उन्हें खुद बड़े मार्जिन से हार मिली थी. लेकिन जिस तरह से अनुपमा ने चुनाव लड़ा, उसके बाद यह साफ हो गया कि इस बार हरिद्वार ग्रामीण सीट पर परिवर्तन हो रहा है.
मैंने बेटी को टिकट दिलाने में मदद नहीं की : हरीश रावत ने कहा उन्हें गर्व है कि अनुपमा उनकी बेटी हैं. हरीश रावत का कहना है कि कई लोगों को लगता है कि टिकट दिलाने में हरीश रावत का हाथ रहा. लेकिन विशुद्ध रूप से यह निर्णय पार्टी का है. हरीश रावत ने कहा कि अनुपमा मेरी बेटी हैं. मुझे उम्मीद है कि इस चुनाव में उन्होंने अच्छा किया है. वह आगे भी अच्छा करेंगी.
हरीश रावत को कांग्रेस की सरकार बनने का भरोसा: हरीश रावत से जब यह पूछा गया कि राज्य में आप कांग्रेस की स्थिति क्या देख रहे हैं, तो इस पर हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेसी पूर्ण बहुमत से इस बार सरकार बना रही है. दलित मुख्यमंत्री के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि हां मैंने यह बात कही थी कि उत्तराखंड में कोई दलित मुख्यमंत्री बनना चाहिए. लेकिन सोशल मीडिया और वह खुद अपने आप को एक मुख्यमंत्री के रूप में प्रचारित और प्रसारित कर रहे हैं.