हरिद्वार : महाकुंभ के अंतिम शाही स्नाम में कोरोना महामारी का असर साफ देखने को मिला. हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर सुबह चार बजे ब्रह्ममुहूर्त में स्नान शुरू हो गया था. लेकिन बेहद कम संख्या में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान साधु-संतों ने कोरोना गाइडलाइन का भी पालन किया. आखिरी शाही स्नान संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से किया गया.
ऐसा रहा अखाड़ों के स्नान का क्रम
सबसे पहले निरंजनी और आनंद अखाड़े ने शाही स्नान किया. उसके बाद हरकी पैड़ी पर जूना अग्नि आह्वान और किन्नर अखाड़े के साधु-संत पहुंचे. तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी अटल अखाड़े ने शाही स्नान किया. इसके बाद तीनों बैरागी अखाड़ों ने हरकी पैड़ी पर पहुंचकर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. आखिरी में वैष्णव संप्रदाय के तीन अखाड़े निर्मल पंचायती अखाड़ा, बड़ा उदासीन पंचायती और पंचायती अखाड़ा नया उदासीन ने शाही स्नान किया. इस दौरान साधु-संत भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते नजर आए. शाही स्नान के दौरान साधु-संत भी मास्क पहने नजर आए.
पीएम मोदी की अपील का पालन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद संन्यासी अखाड़ों द्वारा प्रतीकात्मक रूप से शाही स्नान किया गया और काफी कम संख्या में साधु-संत हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड स्नान करने पहुंचे. निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि निरंजनी और आनंद अखाड़े ने प्रतीकात्मक रूप से स्नान नहीं किया है. हमारे द्वारा सांस्कृतिक स्नान किया गया है. दोनों अखाड़े से हमारे 27 साधु-संतों ने ही स्नान किया है.
सभी तेरह अखाड़ों ने किया शाही स्नान : महंत साधनानंद