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Published : Apr 1, 2021, 9:25 AM IST

Updated : Apr 1, 2021, 12:28 PM IST

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हरिद्वार महाकुंभ शुरू, जानें शाही स्नान की तारीख व कोविड गाइडलाइन

देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में महाकुंभ मेले का आधिकारिक श्रीगणेश हो चुका है. महाकुंभ 30 अप्रैल तक चलेगा. इस महापर्व को देखते हुए प्रशासन द्वारा खास इंतजाम किए गए हैं.

Haridwar Mahakumbh
Haridwar Mahakumbh

देहरादून : हरिद्वार महाकुंभ का आगाज हो गया है. महाकुंभ 30 अप्रैल तक चलेगा. महाकुंभ मेले की दिव्यता और भव्यता के लिए हरिद्वार में खास इंतजाम किए गए हैं. कोरोना वायरस की वजह से महाकुंभ को लेकर शासन और प्रशासन सख्त नजर आ रही है. कोरोना के बीच भीड़ को नियंत्रित करते हुए नियमों का पालन करना उत्तराखंड पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा.

हरिद्वार महाकुंभ

शाही स्नान की तारीख

  1. 11 मार्च महाशिवरात्रि
  2. 12 अप्रैल, सोमवती अमावस्या का स्नान
  3. 14 अप्रैल मेष संक्रांति और बैसाखी
  4. 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा के दिन

सोमवती अमावस्या पर बन रहा विशेष संयोग
ज्योतिष शास्त्र में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, सोमवार के दिन अमावस्या पड़ना बेहद शुभ माना जाता है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. इस दिन नदी में स्नान, जप, दान और तप करना बेहद शुभ होता है.

शास्त्रों के अनुसार, सोमवार चंद्रमा का दिन होता है और इस दिन अमावस्या पड़ने पर सूर्य और चंद्र एक सीध में स्थित रहते हैं. इस खास संयोग को शास्त्रों में बेहद शुभ माना जाता है. इस साल सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल को है और इसी दिन महाकुंभ में शाही स्नान भी है, खास बात यह है कि इस साल सोमवती अमावस्या केवल एक ही पड़ रही है. जिसके कारण महाकुंभ में इसका महत्व और बढ़ रहा है.

हरिद्वार महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड पुलिस उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब पुलिस के साथ बॉर्डर क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रण करने में जुटी है. इसके साथ ही पुलिस हरिद्वार कंट्रोल रूम से बॉर्डर क्षेत्र की निगरानी कर रही है.

डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि महाकुंभ के लिए उत्तराखंड पुलिस ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. प्रदेश की फोर्स को महाकुंभ की व्यवस्था के लिए तैनात किया गया है. डीजीपी का कहना है कि महाकुंभ में 12 और 14 अप्रैल को शाही स्नान के लिए पुलिस पूरी तरह से तैयार है. पुलिस महाशिवरात्रि के शाही स्नान के अनुभव के मुताबिक ही आगे की व्यवस्था बनाए हुए है.

जानकारी देते डीजीपी अशोक कुमार

महाकुंभ के लिए गाइडलाइंस

  1. 72 घंटे के अंदर की कोरोना रिपोर्ट लाना जरूरी होगा.
  2. पहले से कराए गए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का SMS दिखाना होगा.
  3. हेल्थ टेस्ट रिपोर्ट साथ होनी चाहिए.
  4. 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग और बीमारों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
  5. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु एक्टिव कंटेन्मेंट जोन से न आते हों.

हरिद्वार महाकुंभ क्यों है खास
जब मेष राशि में सूर्य तथा महाकुंभ राशि में बृहस्पति का प्रवेश होता है, तब हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. यह संयोग 2021 में दिखाई दे रहा है, लेकिन 2022 में ऐसा कोई संयोग नहीं बनता नजर आ रहा है. इसी कारण अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार महाकुंभ को 2021 में ही आयोजित किए जाने का फैसला लिया है. इससे पहले साल 2010 के धर्मनगरी में आयोजित महाकुंभ में लगभग तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया था.

हरिद्वार में अमृत स्नान का विशेष महत्व
हरिद्वार में अमृत स्नान करने का शुभ अवसर आ गया है. मान्यता है कि इस अवसर के लिए देवी-देवता, साधु-संत और हिंदू धर्म को मानने वाले 12 साल इंतजार करते हैं. पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को लेकर जब देवताओं और असुरों में छीनाझपटी होने लगी तो अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती पर चार स्थानों पर गिरी थी. जिनमें हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन शामिल हैं. जिन स्थानों पर अमृत की बूंदे गिरी थीं, उन चारों स्थानों पर प्रत्येक 12 साल के बाद विशिष्ट ग्रह योग में महाकुंभ का आयोजन होता है.

दो शाही स्नान चुनौतीपूर्ण
12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल को मेष सक्रांति और बैशाखी का शाही स्नान है. जबकि 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का पर्व स्नान है. इसलिए तीनों दिन भीड़ उमड़नी तय है. पिछली बार के महाकुंभ में बैशाखी के स्नान पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान करने आए थे.

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Last Updated : Apr 1, 2021, 12:28 PM IST

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