देहरादून :उत्तराखंड में कोरोना लगातार पैर पसारता जा रहा है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वो स्थिति को नियंत्रण करने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर कुछ और ही खेल हो रहा है. यहां स्वास्थ्य विभाग और सरकार मरीज का जीवन बचाने से ज्यादा उद्घाटन-उद्घाटन खेलने में लगी हुई है. ऐसी ही एक सच्चाई से आज हम आपको रुबरू कराने जा रहे हैं.
कोरोना काल में नेता और अधिकारी कितने संजीदा हैं इसको लेकर ईटीवी भारत ने मंगलवार सुबह हरिद्वार सीएमओ शंभु कुमार झा को फोन किया. फोन पर हमने उनसे बेस अस्पताल की जानकारी लेनी चाही जिसका मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हरिद्वार पहुंचकर उद्घाटन करने वाले थे. इस पर हरिद्वार सीएमओ ने विस्तारपूर्वक अस्पताल की जानकारी दी और यहां मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया.
सीएमओ ने बताया कि ऑक्सीजन और बेड की व्यवस्था अस्पताल में पहले से ही है. लिहाजा इसे थोड़ा व्यवस्थित और किया गया है. सीएमओ ने मुताबिक, हॉस्पिटल पूरी तरह से तैयार है. मुख्यमंत्री के उद्घाटन करते ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी.
यहां तक तो ठीक था. लेकिन ईटीवी भारत की टीम ने हरिद्वार सीएमओ को दोपहर करीब 1.30 बजे दोबारा फोन किया. इस बार फोन पीड़ित बनकर किया गया. फोन पर सीएमओ से मदद मांगते हुए कहा गया कि हम हरिद्वार में शातिकुंज के पास रहते हैं. हमारे मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो रही है. मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही है. मरीज को तत्काल ऑक्सीजन बेड की जरूरत है. क्या हम पास ही बने बेस अस्पताल में मरीज को भर्ती करवा सकते हैं? लेकिन सीएमओ ने जो जवाब दिया है कि उसे सुनकर हम भी हैरान रह गए.
सीएमओ एसके झा का साफ कहना था कि वो अस्पताल उद्घाटन से पहले नहीं खुलेगा. हमने दोबारा उनसे गुहार लगाई कि मरीज की हालत ज्यादा खराब है, लिहाजा इस अस्पताल में भर्ती किया जाए. सीएमओ ने दोबारा एडमिट करने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि पहले मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन कर दें, उसके बाद बारी-बारी से मरीजों को भर्ती किया जाएगा. हमने फिर उनसे पूछा कि क्या उद्घाटन के बाद शाम को हम अपने मरीज को ले आएं. उसके बाद भी सीएमओ साहब ने कहा कि आज नहीं कल से मरीज भर्ती होंगे. कल भी फोन करना उसके बाद ही कुछ होगा.