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Published : May 5, 2021, 9:37 AM IST

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REALITY CHECK: मरीज से बोले CMO- पहले सीएम कर लें उद्घाटन फिर करेंगे भर्ती

कोरोना काल में नेता और अधिकारी आमजन की जिंदगी को लेकर कितने संजीदा हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत लगातार रियलिटी टेस्ट कर रहा है. मंगलवार को भी हमने यही जानने की कोशिश की और हरिद्वार सीएमओ को फोन किया. जानिए कैसा रहा ये रियलिटी चेक.

REALITY CHECK
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देहरादून :उत्तराखंड में कोरोना लगातार पैर पसारता जा रहा है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वो स्थिति को नियंत्रण करने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर कुछ और ही खेल हो रहा है. यहां स्वास्थ्य विभाग और सरकार मरीज का जीवन बचाने से ज्यादा उद्घाटन-उद्घाटन खेलने में लगी हुई है. ऐसी ही एक सच्चाई से आज हम आपको रुबरू कराने जा रहे हैं.

पहले सीएम कर लें उद्घाटन फिर करेंगे भर्ती

कोरोना काल में नेता और अधिकारी कितने संजीदा हैं इसको लेकर ईटीवी भारत ने मंगलवार सुबह हरिद्वार सीएमओ शंभु कुमार झा को फोन किया. फोन पर हमने उनसे बेस अस्पताल की जानकारी लेनी चाही जिसका मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हरिद्वार पहुंचकर उद्घाटन करने वाले थे. इस पर हरिद्वार सीएमओ ने विस्तारपूर्वक अस्पताल की जानकारी दी और यहां मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया.

सीएमओ ने बताया कि ऑक्सीजन और बेड की व्यवस्था अस्पताल में पहले से ही है. लिहाजा इसे थोड़ा व्यवस्थित और किया गया है. सीएमओ ने मुताबिक, हॉस्पिटल पूरी तरह से तैयार है. मुख्यमंत्री के उद्घाटन करते ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी.

यहां तक तो ठीक था. लेकिन ईटीवी भारत की टीम ने हरिद्वार सीएमओ को दोपहर करीब 1.30 बजे दोबारा फोन किया. इस बार फोन पीड़ित बनकर किया गया. फोन पर सीएमओ से मदद मांगते हुए कहा गया कि हम हरिद्वार में शातिकुंज के पास रहते हैं. हमारे मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो रही है. मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही है. मरीज को तत्काल ऑक्सीजन बेड की जरूरत है. क्या हम पास ही बने बेस अस्पताल में मरीज को भर्ती करवा सकते हैं? लेकिन सीएमओ ने जो जवाब दिया है कि उसे सुनकर हम भी हैरान रह गए.

सीएमओ एसके झा का साफ कहना था कि वो अस्पताल उद्घाटन से पहले नहीं खुलेगा. हमने दोबारा उनसे गुहार लगाई कि मरीज की हालत ज्यादा खराब है, लिहाजा इस अस्पताल में भर्ती किया जाए. सीएमओ ने दोबारा एडमिट करने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि पहले मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन कर दें, उसके बाद बारी-बारी से मरीजों को भर्ती किया जाएगा. हमने फिर उनसे पूछा कि क्या उद्घाटन के बाद शाम को हम अपने मरीज को ले आएं. उसके बाद भी सीएमओ साहब ने कहा कि आज नहीं कल से मरीज भर्ती होंगे. कल भी फोन करना उसके बाद ही कुछ होगा.

मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जबतक अस्पताल का फीता नहीं काटेंगे, फोटो सेशन नहीं होगा, तबतक मरीजों की एंट्री अस्पताल में नहीं होगी. यहां बता दें कि यह अस्पताल पहले कुंभ मेले के लिए बनाया गया था. अब कुंभ खत्म हो गया है तो उसे कोविड हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया गया है.

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सवाल खड़ा होता है कि जब हॉस्पिटल पूरी तरह तैयार है और कुछ ही घंटों बाद सीएम उसका उद्घाघटन करने जा ही रहे थे तो फिर मरीज को क्यों भर्ती नहीं किया गया. क्या मुख्यमंत्री का उद्घाटन किसी मरीज के जीवन से ज्यादा कीमती है. जिस कोरोना में मरीज हॉस्पिटलों में बेड के लिए इधर-उधर भटक रहे हों, वहां मरीज को सिर्फ इसलिए भर्ती नहीं किया जा रहा हो, क्योंकि उसका उद्घाटन अभी तक मुख्यमंत्री ने नहीं किया है.

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बता दें कि जिस जगह पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और तमाम विधायक-मंत्रियों ने इस अस्पताल का उद्घाटन किया, उससे चंद कदमों की दूरी पर ही बाबा बर्फानी अस्पताल में 33 दिनों में 63 लोग दम तोड़ चुके हैं. अस्पताल में अव्यवस्था ऐसी है कि अंदर से आई वीडियो किसी को भी झकझोर कर रख दे. ऐसे में मुख्यमंत्री और उनके मंत्री-विधायकों से यही अपील है कि एक नए अस्पताल का उद्घाटन करने से पहले उसके चंद कदमों की दूरी पर चल रहे अस्पताल की व्यवस्थाओं को पहले सुधारा जाए और बाद में फीता काटने, उद्घाटन करने और फोटो खिंचवाने की रस्म पूरी करें.

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