नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सीएनएन से बात करते हुए बताया कि रूस से तेल खरीदना बंद करने के लिए भारत किसी नैतिक संघर्ष में नहीं है. सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में, पुरी ने बेकी एंडरसन के एक सवाल का जवाब दिया, जिन्होंने पुरी से सवाल किया था कि क्या भारत को रूस से इतनी अधिक खरीद पर शर्म है. इस पर मंत्री ने कहा कि कोई नैतिक संघर्ष नहीं है और ये तेल कंपनियां जो खरीदारी कर रही हैं.
सीएनएन ने पुरी के हवाले से कहा कि 'बिल्कुल नहीं, कोई नैतिक संघर्ष नहीं है, अगर कोई वैचारिक स्थिति लेना चाहता है... हम एक्स या वाई से नहीं खरीदते हैं, हम जो कुछ भी उपलब्ध है उसे खरीदते हैं. मैं खरीदारी नहीं करता, यह तेल कंपनियां हैं जो खरीदारी करती हैं.' पुरी ने कहा कि भारत केवल 0.2 प्रतिशत खरीदता है, न कि 2 प्रतिशत रूसी तेल और वह एक दोपहर में यूरोप जितना खरीदता है उसका एक चौथाई हिस्सा खरीदता है.
रूस की रियायती दरों से भारत को लाभान्वित होने के बारे में पूछे जाने पर, पुरी ने कहा कि 'पहले मैं आपके दृष्टिकोण को सही करने का प्रयास करता हूं, हमने वित्तीय वर्ष 2022 को समाप्त कर दिया, रूसी तेल की खरीद 2 प्रतिशत नहीं थी, यह 0.2 प्रतिशत थी. इसके अलावा, हम अभी भी एक दोपहर में यूरोप जितना तेल खरीदता है, उसका एक चौथाई हिस्सा खरीदते हैं. तो, आइए इस बारे में बहुत स्पष्ट हो जाएं कि परिप्रेक्ष्य क्या है.'