नई दिल्ली :केंद्र सरकार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मेट्रो के 16 प्रस्ताव मिले हैं. इनमें से तीन रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है. यह सिस्टम हरियाणा और राजस्थान के विभिन्न हिस्सों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगा. मेट्रो के प्रस्तावित प्रोजेक्टस के बारे में यह जानकारी केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को लोकसभा में दी. उन्होंने बताया कि शहरी परिवहन शहरी विकास का अभिन्न अंग है और यह राज्य का विषय है.
हरदीप पुरी ने बताया कि राज्यों में मेट्रो प्रोजेक्ट समेत अर्बन ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करने और फंडिंग की जिम्मेदारी संबंधित स्टेट के सरकारों की है, मगर केंद्र सरकार मेट्रो रेल पॉलिसी 2017 के तहत उन्हें ऐसे प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराती है. यह सहायता प्रप्रोजल के व्यवहारिकता और संसाधनों के उपलब्धता के आधार पर दी जाती है.
मंत्री ने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 16 मेट्रो रेल परियोजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा तीन मेट्रो रेल परियोजनाएं महाराष्ट्र से हैं. गुजरात की ओर से फंडिंग के लिए कोई नया मेट्रो रेल प्रस्ताव नहीं आया है. दिल्ली सरकार ने चौथे चरण के तहत मेट्रो के बाकी बचे तीन कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव भेजा है, इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 43.677 किलोमीटर है. काम शुरू होने के पांच साल के भीतर इनका निर्माण पूरा होगा.
महाराष्ट्र के तीन मेट्रो प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र ने नागपुर मेट्रो के सेकंड फेज को लेकर प्रस्ताव भेजा है, जिसकी लंबाई 43.80 किलोमीटर है. नासिक मेट्रोनियो प्रोजेक्ट 33.0 किलोमीटर लंबा होगा. महाराष्ट्र का तीसरा प्रस्ताव ठाणे इंटरनल रिंग रोड प्रोजेक्ट के निर्माण के बारे में था, जो 29 किलोमीटर लंबा है.
केंद्र सरकार को कोच्चि मेट्रो के लिए केरल से दो मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव मिले हैं. इनमें से कोच्चि मेट्रो फेज 1ए दो किलोमीटर लंबा है और इसके इस साल जून तक पूरा होने की संभावना है. एक अन्य परियोजना कोच्चि मेट्रो फेज टू है, जो 11.20 किलोमीटर लंबी है.
मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र को दो मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के प्रस्ताव मिले हैं. इनमें से एक प्रस्ताव नोएडा के सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क तक मेट्रो के विस्तार से संबंधित है. करीब 14.958 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट को मंजूरी की तारीख से 38 महीने के भीतर पूरा किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश का दूसरा प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से है. सरकार को 15.14 किलोमीटर लंबी गोरखपुर मेट्रोलाइट परियोजना के निर्माण का प्रस्ताव मिला है और इसके पूरा होने की संभावित तारीख मंजूरी की तारीख से चार साल थी.
जम्मू-कश्मीर में दो मेट्रोलाइट प्रोजेक्ट : केंद्र को जम्मू-कश्मीर में दो मेट्रो रेल परियोजनाओं के निर्माण के लिए दो प्रस्ताव मिले हैं. इनमें से जम्मू में 23 किलोमीटर लंबी और श्रीनगर में 25 किलोमीटर लंबी मेट्रोलाइट प्रोजेक्ट शामिल है. इन दोनों प्रोजेक्ट केपूरा होने की संभावित तारीख मार्च 2026 थी. तमिलनाडु से केंद्र को चेन्नई मेट्रो के 118.9 किलोमीटर लंबे सेकंड फेज का प्रस्ताव मिला है. इस प्रोजेक्ट को मंजूरी की तारीख से छह साल में पूरा किया जाएगा. हरियाणा की ओर से सरकार को 28.50 किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल कनेक्टिविटी परियोजना के निर्माण का प्रस्ताव मिला है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद हुडा सिटी सेंटर गुरुग्राम में साइबर सिटी से जुड़ जाएगा. हरदीप पुरी ने बताया कि उत्तराखंड ने केंद्र को राजधानी देहरादून में 22.424 किलोमीटर लंबी मेट्रो नियो प्रोजेक्ट का प्रस्ताव भेजा है, जिसके मंजूरी की तारीख से तीन साल में पूरा होने की संभावना है.
रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Regional Rapid Transport System RRTS)
केंद्र को तीन क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के निर्माण के प्रस्ताव मिले हैं, जो राजस्थान और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ेगी. वास्तव में, पहले प्रोजेक्ट के दो सिरे हैं. पहला 107 किलोमीटर लंबी दिल्ली-एसएनबी रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, और दूसरा 33.3 किलोमीटर लंबी एसएनबी-सोतानाला रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम है. ये दो परियोजनाएं दिल्ली, गुरुग्राम, शाहजहांपुर, नीमराना, बहरोड़, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान को जोड़ेगी और इन्हें पूरा करने में मंजूरी के बाद छह साल का समय लगेगा.
तीसरा प्रोजेक्ट 103.02 किलोमीटर लंबा दिल्ली-पानीपत क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को हरियाणा के सोनीपत और पानीपत से जोड़ेगा. मंजूरी के बाद इसके निर्माण में छह साल लगेंगे.
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (Delhi-Meerut RRTS)
केंद्र सरकार पहले से ही उत्तर प्रदेश में मेरठ और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीच एक क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम का निर्माण कर रही है. 82 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का निर्माण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की ओर से किया गया है, जो केंद्र का एक सार्वजनिक उपक्रम है. इस प्रोजेक्ट में नई दिल्ली में सराय काले खां और मेरठ में मोदीपुरम के बीच 22 स्टेशन हैं. इसका पहला चरण अगले साल तक चालू होने की संभावना है, जबकि पूरी परियोजना के 2025 तक पूरी हो सकती है.
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