हैदराबाद :तेलंगाना के सिरसिला में इन दिनों हर घर तिरंगा अभियान और स्वतंत्रता दिवस के नजदीक आने के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज बनाने का काम जोरों पर है. सिरसिला में तीन सप्ताह में करीब एक लाख मीटर कपड़े का राष्ट्रीय ध्वज बनाया जा चुका है. काम में तेजी के चलते सिलाई मशीन के साथ ही कटिंग व पैकिंग का काम करने वालों को फुर्सत नहीं है.सिरसिला में पार्टी के झंडे और स्कार्फ बनाने के भी ऑर्डर लिए जाते हैं. इस काम में क्षेत्र के एक हजार से अधिक पुरुष और महिलाएं जुटी हुई हैं. इतना ही नहीं यहां पर देश के अन्य राज्यों से मिले ऑर्डर पर भी झंडा बनाया जाता है.
इसीक्रम में झंडा के लिए पालिस्टर के साथ रेशमी कपड़े को महाराष्ट्र और गुजरात से मंगाया जाता है. वहीं ऑर्डर के आधार पर रंग और सांचे को हैदराबाद भेजा जाता है फिर इससे कपड़े को निश्चित आकार प्रदान करने का काम होता है.हालांकि नाप के अनुसार एक झंडा बनाने में 5 रुपये से 8 रुपये और दुपट्टा बनाने में 4 रुपये का खर्च आता है. वहीं झंडे, स्कार्फ और सिलाई करके प्रतिदिन प्रत्येक महिला औसतम 300 रुपये कमा लेती है.
सिरसिला में 30 लाख मीटर पॉलिस्टर सफेद कपड़े का नियमित उत्पादन होता है. यह पार्टी के झंडे और स्कार्फ बनाने के लिए आदर्श माना जाता है. वहीं झंडे बनाने के लिए पहले से ही रोजाना 1 लाख मीटर कपड़े का उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा यहां पर रेशमी कपड़े का आयात किया जाता है और झंडे बनाए जाते हैं. झंडे बनाने के लिए उपयुक्त 39 और 45 पिक्स वाले कपड़े का उपयोग किया जाता है. वर्तमान में, पॉलिस्टर कपड़ों का उत्पादन कुछ हद तक कम हो गया है क्योंकि कपड़ा उद्योग द्वारा वर्दी और बथुकम्मा साड़ियों को बनाने का काम किया जा रहा है. हालांकि चुनाव के दौरान पालिस्टर कपड़े की मांग अधिक होती है, क्योंकि उस दौरान झंडों के निर्माण के ऑर्डर आते ही अचानक मांग बढ़ जाती है.