श्रीनगर : जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने स्वतंत्रता दिवस से दो दिन पहले एक तस्वीर ट्वीट की है. इसमें उन्होंने वर्तमान सरकार पर निशाना साधा है. उनकी तस्वीर में एक ओर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू दिख रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा दिख रहे हैं. मनोज सिन्हा की तस्वीर 13 अगस्त की है.
दरअसल, एलजी सिन्हा ने रविवार को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर से बॉटेनिकल गार्डन तक हर घर तिरंगा यात्रा को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान वह खुद तिरंगा लेकर आगे-आगे चल रहे थे. तिरंगा यात्रा देश के कोने-कोने से निकाली जा रही है.
इसी संदर्भ में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में वैसे लोग भी हैं, जो कहते थे कि जम्मू कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं बचेगा, लेकिन आज उन्हें समझ आ गया होगा कि यहां का हर युवा तिरंगा को लेकर न सिर्फ आगे बढ़ रहा है, बल्कि उसे प्यार भी करता है, और उसकी रक्षा के लिए हरेक काम करेगा.
उनके भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए पीडीपी प्रमुख और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि एक दौर (1949) था जब पंडित नेहरू लाल चौक पर झंडा फहराने आए थे, तो उनके आसपास सुरक्षा नहीं थी और वह कश्मीरी युवाओं से घिरे थे. लेकिन एक आज का दौर है, जब एलजी खुद सुरक्षा कर्मियों से घिरकर चल रहे हैं.
यह तस्वीर जो महबूबा मुफ्ती ने साझा की है, वह 1949 की बताई जा रही है. उस समय नेहरू जम्मू कश्मीर के लाल चौक पर आए थे. यहां पर उन्होंने एक भाषण दिया था और कश्मीरी युवाओं को भरोसा दिया था कि भारतीय सेना आपके साथ हमेशा खड़ी रहेगी और जब तक कि अंतिम आक्रमणकारी को निकाल नहीं दिया जाता, तब तक सेना आपका साथ देती रहेगी.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 की समाप्ति कर दी गई. जम्मू कश्मीर अब देश के अन्य राज्यों की तरह ही एक राज्य बन गया है, पहले इसे विशेष दर्जा प्राप्त था. इसी दर्जे को पीडीपी वापस दिलवाना चाहती है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यह भी जानकारी दी है कि इस बार 15 अगस्त के दिन घाटी में इंटरनेट पर कोई पाबंदी नहीं रहेगी. प्रशासन ने यह भी बताया कि प्रदेश में 'मेरी माटी, मेरा देश' अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है.
इससे पहले 2022 में भी हर घर तिरंगा अभियान को लेकर जम्मू कश्मीर में विरोध हुआ था. तब भी महबूबा मुफ्ती ने विवादास्पद बयान दिए थे. उन्होंने कहा था कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी में दम है, तो उन्हें चीन द्वारा कब्जा किए गए क्षेत्र में तिरंगा फहराना चाहिए. वैसे, उमर अब्दुल्ला ने उनके बयान का समर्थन नहीं किया था. तब उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि हर घर तिरंगा अभियान से किसी को भी ऐतराज नहीं होना चाहिए, हां अगर कोई इस अभियान के नाम पर पैसा वसूल रहा है, तो वह गलत है.
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