रायपुर/भोपाल : भगवान श्रीराम के परम भक्त, पवनपुत्र, संकटमोचन, चिरंजिवी हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जा रही है. इस बार की हनुमान जयंती अति विशिष्ट मानी जा रही है क्योंकि मंगलवार के दिन हनुमान जयंती मनाई जा रही है. मंगलवार सुबह 11 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त के साथ सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग होने की वजह से पूरे दिन हनुमान जी की पूजा बेहद शुभ मानी जा रही है.
हुनमान जी आठ चिरंजिवीयों में से एक हैं. कहते हैं कि संसार में 8 लोगों को चिरंजिवी होने का वरदान मिला हुआ है. इन्हें अष्ट चिरंजिवी कहा जाता है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक :
अश्वत्थामा बलिव्यासो हनूमांश्च विभीषण:। कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरंजीविन:॥
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।
हनुमानजी, वेदव्यास, विभीषण, राजा बलि, अश्वत्थामा, कृपाचार्य, परशुराम जी और मार्कण्डेय जी अष्टचिरंजिवी कहलाते हैं. कहा जाता है कि आज भी अदृश्य रूप में शाश्त्रों में बताये गए स्थानों पर ये सभी तपस्या कर रहे हैं.
कथा:
हनुमान जी की माता अंजनी अपने पिछले जन्म में चंचल (नटखट) थीं. एक ऋषि से अनुचित व्यवहार के फलस्वरुप उन्हें ये श्राप मिला था कि वे अगले जन्म में वानर योनि में जन्म लेंगी. माता अंजनी काफी तपस्या करती हैं तब उन्हें उक्त ऋषि आशीर्वाद देते हैं कि आप वानर योनि में एक महा पराक्रमी, सद्गुणी, बुद्धिमान, अतुलित बल के स्वामी, और तजस्वी पुत्र की माता होंगी. ऋषि के महान आशीर्वाद से चैत्र शुक्ला पूर्णिमा के दिन माता अंजनी भगवान शंकर के 11वें अवतार श्री हनुमानजी को जन्म देती हैं.
हनुमान चालीसा का करें पाठ
आज के वर्तमान युग में खासकर कोरोना काल में श्री हनुमान चालीसा एक वरदान है. सभी हनुमान भक्त उत्तर दिशा की ओर मुख करके तुलसीदास जी के द्वारा लिखित इस महा ग्रंथ का पाठ करें. नासै रोग हरे सब पीरा । जपत निरंतर हनुमंत बीरा ।। इस दोहे का सभी हनुमान भक्त आस्था पूर्वक पाठ करें और वीर हनुमान से प्रार्थना करें कि संसार इस वक्त जिस महामारी से जूझ रहा है उससे जल्द ही सभी को छुटकारा मिले.
हनुमान जयंती के शुभ दिन श्रीराम रक्षा स्तोत्र, रामचरितमानस, श्रीहनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमाष्टक, सुंदरकांड, श्री हनुमान बाहुक का आस्था पूर्वक जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
ऐसे करें वीर हनुमान की पूजा
बाल हनुमान को लाल कपड़े के आसन पर बैठाएं. इसके बाद गंगाजल आदि से शुद्ध कर झूले पर बिठाएं. श्रीहनुमान जी को लाल तिलक, लाल सिंदूर, रक्त चंदन, लाल फूल, कलावा की माला पहनाएं. शुद्ध घी के दीपक जलाएं. बजरंगबली को चना, रेवड़ी, गुड़, मगज के लड्डू का भोग लगाएं. इस विपदा काल में प्रसाद स्वरूप गुड़ चना शरीर को शक्ति देंगे. श्रीहनुमान जी संकट को टालने वाले और भय को दूर करने वाले देवता हैं, हनुमान की आराधना से शरीर में शक्ति का संचार होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है.
इन मंत्रों का करें जाप:
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, अनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।।
हनुमान जन्मोत्सव का राशियों पर प्रभाव:
- मेष राशि: मेष राशि के जातक लाल अक्षर से लिखी हुई हनुमान चालीसा का पाठ करें. इससे लाभ मिलेगा.
- वृषभ राशि: श्रीहनुमान जी को लाल आसन में बिठाकर हनुमाष्टक पढ़ें.
- मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों को शनि का अढ़ईया चल रहा है. ऐसे जातकों को हनुमान चालीसा का 7 बार जप करने से धीरे-धीरे बाधाएं दूर होंगी.
- कर्क राशि: कर्क राशि वालों के लिए समय शुभ है. हनुमाष्टक और सुंदरकांड का पाठ करें.
- सिंह राशि:सिंह राशि वाले जातकों के लिए यह उत्सव सकारात्मक है. शुभ आसन में बैठकर हनुमानजी की प्रार्थना करें.
- कन्या राशि: कन्या राशि वाले जातक हनुमान चालीसा का वितरण करें, कर्म से लाभ मिलेगा.
- तुला राशि: तुला राशि वाले जातकों पर शनि का अढ़ईया है. सुंदरकांड के पाठ से हनुमान जी की कृपा मिलेगी.
- वृश्चिक राशि: हनुमान जी सिद्ध देव हैं. उत्साह और उमंग से हनुमानजी की पूजा करें. लाभ के अवसर बनेंगे.
- धनु राशि:शनि की साढ़ेसाती अंतिम चरण में है. धनु राशि के जातकों को सुंदरकांड का पाठ अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करेगा.
- मकर राशि: शनि मकर राशि में मध्य का साढ़े साती है. हनुमानजी की अराधना करें.
- कुंभ राशि: हनुमान चालीसा का पाठ करें. उनका ध्यान आपको गति प्रदान करेगा.
- मीन राशि: समय उत्तम है. हनुमानजी को लड्डू, चना, रेवड़ी का भोग लगाएं. यश बना रहेगा.