नई दिल्ली : महाराष्ट्र में मस्जिदों में लाउडीस्पीकर के मामले को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है. शनिवार को हनुमान जयंती पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने हनुमान चालीसा पाठ में शामिल होकर इस विवाद को हवा दे दी. राज ठाकरे ने पुणे के मारुति नंदन मंदिर में हनुमान जी की आरती की. बता दें कि वह पहले ही 3 मई तक मस्जिदों से लाउडीस्पीकर हटाने को लेकर अल्टिमेटम दे चुके हैं.
फिलहाल इस मसले पर शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आमने-सामने खड़ी नजर आ रही है. उनके विरोधियों का आरोप है कि मनसे और भारतीय जनता पार्टी की मिलीभगत के कारण लाउडीस्पीकर मुद्दे को उछाला जा रहा है. सामना में एक प्रकाशित लेख में शिवसेना ने राज ठाकरे को महाराष्ट्र का ओवैसी बता दिया. इसके बाद मनसे कार्यकर्ता भड़क उठे और शिवसेना सांसद संजय राउत के खिलाफ पोस्टर लगवाए. मनसे की तरफ से लगाए गए पोस्टर पर लिखा है, 'ओवैसी किसको बोला? संजय राउत अपना लाउडस्पीकर बंद कर लो. पूरे महाराष्ट्र को इससे परेशानी हो रही है, नहीं तो हम आपका लाउडस्पीकर मनसे के तरीके से बंद करेंगे.
2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन करने के बाद राज ठाकरे ने उत्तर भारत के लोगों के खिलाफ अभियान चलाया था. पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि राज ठाकरे राजनीति में अपने चाचा बाल ठाकरे के नक्शे कदम पर चलते नजर आ रहे हैं. जैसे अपनी राजनीतिक शुरुआत में पहले बाल ठाकरे ने क्षेत्रवाद का मुद्दा उठाया था, ठीक वैसे ही राज ठाकरे मराठी अस्मिता के बहाने गैर मराठियों को निशाना बनाते रहे. 90 के दशक में सीनियर ठाकरे की पॉलिटिक्स हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के इर्द-गिर्द सिमट गई थी, वैसे ही अब राज ठाकरे भी मराठी अस्मिता और हिंदू हित का कॉकटेल बनाते रहे है.
2006 में शिवसेना से अलग होने के बाद राज ठाकरे की सेना गैर मराठियों के खिलाफ कई बार अभियान चला चुकी है. 10 फरवरी 2008 को मनसे कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में उत्तर भारतीय दुकानदारों और विक्रेताओं पर हमला किया था. अक्टूबर 2008 में ही मनसे कार्यकर्ताओं ने रेलवे भर्ती परीक्षा में शामिल होने आए उत्तर भारतीय उम्मीदवारों को पीटा था.
राज ठाकरे ने बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों को पकड़ने वालों के लिए 5500 रुपये के ईनाम की घोषणा की थी. राज ठाकरे के विवादित बोल (controversial statement of raj Thackery)
- 2008 में राज ठाकरे ने मुंबई में सभी दुकानदारों से साइन बोर्ड को मराठी में लिखने का फरमान सुनाया था. इसके साथ ही यह चेतावनी भी दी थी कि जिस दुकान में मराठी में लिखा नहीं दिखेगा वह तोड़ दी जाएगी. 2010 में उन्होंने ने एक प्रोग्राम में कहा था कि, मुंबई में बढ़ती भीड़ की वजह गैर-मराठी लोग हैं.
- 2016 में मुंबई में यूपी-बिहार से आए ऑटो ड्राइवर पर हमले भी हुए. तब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि जो भी नए ऑटो रिक्शा गैर मराठी चला रहे है उनके ऑटो में आग लगा दो. तब उन्होंने तत्कालीन बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया था कि नए ऑटो परमिट 70-72 फीसदी उन लोगों को दिया जा रहा जो राज्य के नहीं हैं .
- जब एआईएआईएम चीफ असुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि कोई उनकी गर्दन पर चाकू रखकर भारत माता की जय बुलवाएगा वो तभी नहीं बोलेंगे. इस पर राज ठाकरे ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि असुद्दीन ओवैसी एक बार महाराष्ट्र में आ जाएं तो उनके गले पर चाकू रख दूंगा.
- आतंकवादी याकूब मेनन की फांसी को लेकर एक्टर सलमान के ट्वीट से राज ठाकरे नाराज हुए थे और उन्हें बिना दिमाग का आदमी कह डाला. सलमान खान ने याकूब मेनन की फांसी पर अफसोस जताया था.
- 2020 के कोरोना काल में राज ठाकरे तब्लीगी जमात पर भड़क गए थे. उन्होंने मरकज में भाग लेने वाले तब्लीगी जमात के लोगों पर विवादित बयान देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को तो गोली मार देनी चाहिए, इनका इलाज क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में बीमारी फैलाने की साजिश रचने वालों को पीटा जाना चाहिए और इस तरह के वीडियो को वायरल किया जाना चाहिए.
- इससे पहले 2018 में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने फ्लिपकार्ट और अमेजन को धमकी दी थी कि अगर 7 दिनों के भीतर उन्होंने अपने ऐप को मराठी मे नहीं किया तो उनकी दिवाली खराब हो जाएगी. उन्होंने कहा था कि जिस तरह से साउथ इंडिया के लिए ऐप में रीजनल भाषा है, वैसा महाराष्ट्र के लिए भी मराठी में ही ऐप होना चाहिए.
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