Hamas attack on Israel : जानिए क्यों इजरायली खुफिया विफलता से पीएम नेतन्याहू के नेतृत्व को खतरा हो सकता है?
हमास के हमले का इजरायली खुफिया तंत्र को पता नहीं चला. हमले से पहले, इज़रायल में हजारों लोग प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के न्यायिक सुधारों के विरोध में हर हफ्ते सड़कों पर उतर रहे थे. क्या इन सबका नेतन्याहू के नेतृत्व पर कोई प्रभाव पड़ेगा? ईटीवी भारत के अरुणिम भुइयां की रिपोर्ट.
नई दिल्ली: हमास आतंकवादी समूह ने शनिवार की सुबह इजरायल पर 'ऑपरेशन अल अक्सा फ्लड' नाम से अपना हमला शुरू कर दिया. इसे लगभग 50 साल पहले के योम किप्पुर युद्ध की पुनरावृत्ति के रूप में देखा जा रहा है. उस समय इजरायली खुफिया विभाग पूरी तरह से सो गया था (Hamas attack on Israel).
6 अक्टूबर 1973 को जो योम किप्पुर का यहूदी पवित्र दिन भी था, मिस्र और सीरियाई टैंकों ने इज़राइल की अपनी संबंधित युद्धविराम रेखाओं को पार किया और सिनाई प्रायद्वीप और गोलान हाइट्स में प्रवेश किया. हालांकि बाद में इज़रायली सेना पूरी तरह से सतर्क हो गई थी.
तीन दिनों की भारी लड़ाई के बाद इज़रायल ने मिस्र के आक्रमण को रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप उस मोर्चे पर सैन्य गतिरोध पैदा हो गया और सीरियाई लोगों को युद्ध-पूर्व युद्धविराम रेखाओं पर वापस धकेल दिया. जबकि योम किप्पुर युद्ध के बाद इज़रायल फिर से आक्रामक होने में सक्षम था. युद्ध में बड़े पैमाने पर हताहतों को तत्कालीन इज़रायली प्रधानमंत्री गोल्डा मेयर की विफलता के रूप में देखा गया, और उन्होंने 1974 में पद से इस्तीफा दे दिया. योम किप्पुर युद्ध में इज़रायल के 2,656 सैनिक मारे गए थे और 7,251 घायल हुए थे. लगभग 294 युद्धबंदियों को दुश्मन ने पकड़ लिया था.
एक भयावह संयोग में हमास ने शनिवार को जो सिमचट तोराह का पवित्र यहूदी अवकाश भी था, भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर गाजा के फिलिस्तीनी क्षेत्र से 'ऑपरेशन अल अक्सा फ्लड' शुरू किया.
जैसे 1973 में इजरायली खुफिया तंत्र पूरी तरह से बेखबर था. रिपोर्टों से पता चलता है कि हमले से पहले इजरायली सीमा निगरानी प्रणाली जाम हो गई थी. गाजा पट्टी के चारों ओर अवरोध के कई उल्लंघन हुए. यह एक सावधानीपूर्वक समन्वित ऑपरेशन था जिसमें सीमा की बाड़ को भेदने के लिए हजारों रॉकेट, विस्फोटक, अल्ट्रालाइट, मोटरबाइक, कार, ड्रोन और यहां तक कि नाव से हमला भी शामिल था जो अंततः विफल रहा.
हमले ने इजरायल की मोबाइल ऑल वेदर एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम को भेद दिया. इस प्रणाली को चार किमी से 70 किमी दूर से दागे गए कम दूरी के रॉकेट और तोपखाने के गोले को रोकने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक जहां इस ख़ुफ़िया विफलता के कारण इज़रायल में मरने वालों की संख्या 500 से 600 के बीच बताई गई थी, वहीं इज़रायल के जवाबी हमलों के कारण गाजा में मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई थी.
इजरायल में इतनी बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं जहां प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) के नेतृत्व वाली धुर दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद पहले से ही काफी घरेलू राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है. इसमें खुफिया और सैन्य अधिकारियों के करियर शामिल होंगे जिनके सिस्टम हमले का पहले से पता लगाने में पूरी तरह विफल रहे.
तो, गोल्डा मेयर के मामले की तरह, क्या अब नेतन्याहू के नेतृत्व को खतरा होगा? सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारत के पूर्व राजदूत तलमीज़ अहमद ने ईटीवी भारत को बताया, 'आइए इसे दो अलग-अलग तरीकों से देखें.' उन्होंने कहा कि 'नेतन्याहू ने खुद को अपने देश में चरम दक्षिणपंथी तत्वों - चरम दक्षिणपंथी धार्मिक तत्वों और चरम दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी तत्वों से संबद्ध किया. ये तत्व देश में हाशिए पर थे लेकिन नेतन्याहू इन्हें मुख्यधारा में ले आए.'
अहमद ने कहा कि नेतन्याहू को इन तत्वों को लाना पड़ा क्योंकि उन्हें खुद को आपराधिक मुकदमे से बचाने के लिए सरकार में रहने की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि 'उन्हें देश के संविधान में बदलाव लाने के लिए भी उनकी मदद की जरूरत है ताकि इजरायली कानून को लागू करने की सुप्रीम कोर्ट की शक्ति, जो प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने में सक्षम होगी, कमजोर हो जाएगी.'
नेतन्याहू को इज़रायल के प्रधानमंत्री के रूप में अपने चौथे और पांचवें कार्यकाल के दौरान उनके और उनके करीबी राजनीतिक सहयोगियों द्वारा रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वास के उल्लंघन के आरोपों की जांच के बाद अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.
इज़रायल पुलिस ने दिसंबर 2016 में नेतन्याहू की जांच शुरू की और बाद में उनके खिलाफ अभियोग की सिफारिश की. नवंबर 2019 में नेतन्याहू को आधिकारिक तौर पर विश्वास के उल्लंघन, रिश्वत स्वीकार करने और धोखाधड़ी के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसके कारण उन्हें प्रधानमंत्री के अलावा अपने मंत्रालय के विभागों को कानूनी रूप से छोड़ना पड़ा. येरुशलम जिला न्यायालय में नेतन्याहू का मुकदमा मई 2020 में शुरू हुआ, गवाहों की गवाही अप्रैल 2021 में शुरू हुई. आपराधिक मुकदमा अभी भी जारी है.
नेतन्याहू देश की न्यायिक व्यवस्था और शक्तियों के संतुलन को बदलना चाह रहे हैं. इज़रायली न्यायिक सुधार जनवरी 2023 में प्रस्तावित किया गया था और जुलाई 2023 में पारित किया गया था. यह न्यायिक समीक्षा करने की सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति को सीमित करके, न्यायिक नियुक्तियों पर सरकार का नियंत्रण प्रदान करके और अधिकारियों के अधिकार को सीमित करके कानून बनाने और सार्वजनिक नीति पर न्यायपालिका के प्रभाव को रोकने का प्रयास करता है. इससे पूरे इजरायल में व्यापक सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.
मौजूदा संघर्ष की बात करें तो अहमद ने कहा कि 'यह यहूदी चरमपंथी तत्वों के कारण हुआ है. उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले तक हमास को एक उदारवादी तत्व के तौर पर देखा जाता था. इसने इस साल अप्रैल में इजरायलियों के खिलाफ इस्लामिक जिहाद के विद्रोह में भाग नहीं लिया था और इस क्षेत्र के टिप्पणीकारों ने इसे मान्यता दी थी.'
अहमद ने कहा कि 'लेकिन पिछले एक साल में जब से नेतन्याहू ने नई सरकार बनाई है, फिलिस्तीनियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण विद्रोह हुआ है.' अहमद ने कहा, 'वेस्ट बैंक में चरमपंथी (इज़राइली) निवासी फिलिस्तीनियों पर हमला कर रहे हैं. और दूसरी बात, इन बाशिंदों को सुरक्षा बलों द्वारा लगातार समर्थन दिया गया है.'
पूर्व राजदूत ने यह भी बताया कि यरुशलम में अल अक्सा मस्जिद को हाल के दिनों में इजरायली धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा अपवित्र किया गया है. अल अक्सा को यहूदी और मुस्लिम दोनों पवित्र मानते हैं. यहूदी इस स्थल को टेम्पल माउंट कहते हैं. पिछले महीने, इजरायली बलों ने अल अक्सा मस्जिद से उपासकों को बाहर निकालने और इसके आसपास अपनी उपस्थिति तेज करने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए थे, जिससे यहूदी नव वर्ष रोश हशाना पर इजरायली निवासियों के लिए रास्ता साफ करने के लिए 50 वर्ष से कम उम्र के किसी भी फिलीस्तीनी को प्रवेश से वंचित कर दिया गया था.
हाल के दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गविर जैसे इजरायली धार्मिक राष्ट्रवादियों ने अल अक्सा परिसर में अपना दौरा बढ़ा दिया है. पिछले हफ्ते, सुक्कोट के यहूदी फसल उत्सव के दौरान सैकड़ों अति-रूढ़िवादी यहूदियों और इजरायली कार्यकर्ताओं ने मस्जिद का दौरा किया, जिसकी हमास ने निंदा की और आरोप लगाया कि यहूदियों का वहां प्रार्थना करना यथास्थिति समझौते का उल्लंघन है. अहमद ने कहा कि 'नेतन्याहू इन चरमपंथी तत्वों को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं. इसीलिए हमास अपने मौजूदा ऑपरेशन को अल अक्सा फ्लड कह रहा है.'
तो, अब नेतन्याहू के नेतृत्व पर क्या प्रभाव पड़ेगा? :अहमद ने कहा कि जब तक संघर्ष जारी रहेगा, नेतन्याहू को परिणाम नहीं भुगतना पड़ेगा. हालांकि न्यायिक सुधारों के खिलाफ येरुशलम और इज़रायल के अन्य हिस्सों में हर हफ्ते हजारों की संख्या में लोग सामने आ रहे हैं, लेकिन नेतन्याहू सत्ता में बने रहने में कामयाब रहे हैं. लेकिन एक बार जब संघर्ष ख़त्म हो जाएगा तो इज़रायली ख़ुफ़िया तंत्र की भारी विफलता पर गंभीर सवाल उठेंगे.
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में, इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष के दौरान, इजरायली पक्ष पर हताहतों की संख्या एकल अंक या दोहरे अंक में होती थी, जबकि फिलिस्तीनी पक्ष पर हताहतों की संख्या तीन अंकों के आंकड़े को पार कर जाती थी. लेकिन इस बार, इज़रायली पक्ष में हताहतों की संख्या तीन-आंकड़ा को पार करने के साथ, इज़रायली लोगों के मन में कई सवाल उठेंगे.
इस बीच, ईरान समर्थित सशस्त्र लेबनानी समूह हिजबुल्लाह ने कहा कि वह 'फिलिस्तीनी प्रतिरोध के नेतृत्व के साथ सीधे संपर्क में है.' रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह ने फिलिस्तीनी लोगों के साथ 'एकजुटता दिखाते हुए' रविवार को विवादित शीबा फार्म्स पर निर्देशित रॉकेट और तोपखाने से गोलीबारी की. इज़रायल ने दक्षिणी लेबनान में तोपखाने की गोलीबारी करके जवाबी कार्रवाई की.
तो, क्या इज़राइल को दो मोर्चों पर युद्ध का सामना करना पड़ रहा है? :अहमद ने कहा कि 'अभी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी.' अहमद ने कहा कि 'हिजबुल्लाह ने केवल एक विवादित क्षेत्र पर हमला किया, सीधे तौर पर किसी इजरायली क्षेत्र पर नहीं. उसने कहा कि उसने फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए ऐसा किया है. हिज़्बुल्लाह आमतौर पर उन चीज़ों में शामिल नहीं होता जो लेबनान से जुड़ी नहीं हैं. यह स्वयं को एक प्रकार से लेबनान के संरक्षक के रूप में देखता है.'
मौजूदा संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सोमवार को बुलाई गई बैठक के बारे में पूछे जाने पर अहमद ने कहा कि इससे कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा और यह केवल हमास की निंदा के साथ समाप्त होगी.