हल्द्वानी :जापान के सहयोग से उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में प्रदेश की पहली बायोडायवर्सिटी गैलरी (First Biodiversity Gallery) तैयार की गई है. जिसका आज उद्घाटन किया गया. इस गैलरी में उत्तराखंड की जैव विविधता के पहलुओं को प्रदर्शित किया गया है. इस जैव विविधता गैलरी की मुख्य विशेषता उत्तराखंड जैव विविधता के 101 प्रतीकों का चित्रण है, जो राज्य की मूल वनस्पतियों और जीवों की लगभग 101 अजीबो-गरीब प्रजातियों का निवास स्थान और पारिस्थितिक भूमिका, उपयोग के बारे में जानकारी देना है.
हल्द्वानी में स्थापित उत्तराखंड की पहली जैव विविधता गैलरी, जापानी अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JAICA) के सहयोग से लगाई गई है. इसमें राज्य में पाई जाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी लिली (विशालकाय हिमालयी लिली), दुनिया में रोडोडेंड्रोन की सबसे बड़ी प्रजाति (रोडोडेंड्रोन अर्बोरियम), दुनिया का सबसे बड़ा विषैला सांप किंग कोबरा, हिमालयन पिट वाइपर, दुनिया का सबसे बड़ा मधुमक्खी (जाइंट हिमालयन हनी बी) को भी शामिल किया गया है.
वहीं, दुनिया का सबसे बड़ा कीट (एटलस मोथ), दुनिया का सबसे बड़ा मार्टन (येलो थ्रोटेड मार्टन), भारत का सबसे बड़ा ग्रेट हिमालयन लीफ नोज्ड बैट के साथ-साथ अन्य दिलचस्प प्रजातियां, जो प्राकृतिक रूप से राज्य में पाई जाती हैं, स्लेटी सिर वाला तोता (Slaty-headed parakeet) (केवल तोता परिवार की प्रजाति जो सर्दियों में प्रवास करता है), हिमालयी लंगूर (केवल हिमालय में पाई जाने वाली प्राइमेट प्रजातियां) और देशी कीटभक्षी पौधों की दिलचस्प प्रजातियां, फर्न, मॉस, लिवरवॉर्ट, घास की प्रजातियां और हिमालयन मर्मोट जैसे अजीबोगरीब जीव (उच्चतम दुनिया का ऊंचाई पर रहने वाला स्तनपायी-तिब्बत सीमा पर पाया जाता है), हिमालयन पिका (Himalayan pika), उड़ने वाली गिलहरी (Flying squirrels) और पीले सिर वाला कछुआ (Yellow-headed temple turtle) सभी को इस प्रदर्शनी के जरिये दिखाया जाएगा.