बेंगलुरु :हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए (LCA Tejas Mk1A) के लिए हवाई इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के निर्माण एवं आपूर्ति के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ 2,400 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है.
बीईएल ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि 2023 से 2028 तक पांच वर्षों के अनुबंध में डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर, एयर डेटा कंप्यूटर, हथियार कंप्यूटर की आपूर्ति शामिल है. इसके अलावा इस अनुबंध के तहत बीईएल द्वारा रडार चेतावनी रिसीवर (RWR) से संबंधित एलआरयू से संबंधित महत्वपूर्ण एवियोनिक लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स (Line Replaceable Units) और हेड अप डिस्प्ले की भी आपूर्ति की जाएगी.
एचएएल के अनुसार, यह अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है जो कंपनी ने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को बढ़ावा देने वाली किसी भी भारतीय कंपनी को दिया है.
एचएएल के अध्यक्ष एआर माधवन ने कहा कि वे 150 एलसीएच के कुल ऑर्डर पर विचार कर रहे हैं और एक साल के भीतर वायु सेना द्वारा पहले से किए गए 15 ऑर्डर दे सकते हैं.
कंपनी को तेजस के नए वेरिएंट 73 मार्क 1-ए के निर्माण का ऑर्डर मिला है, जो पिछले मार्क 1 की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावी होगा. माधवन ने कहा कि मार्क 1 ए अगले साल के मध्य तक पहला प्रोटोटाइप उड़ाएगा. उन्होंने कहा, 'मार्च 2024 तक पहला विमान दिया जाएगा.'
एलसीएच दुनिया का एकमात्र अटैक करने वाला हेलीकॉप्टर है जो भारतीय सशस्त्र बलों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाले हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ 5000 मीटर (16400 फीट) की ऊंचाई पर उतर और टेक-ऑफ कर सकता है.
एचएएल ने आंतरिक वित्त पोषण के साथ 15 एलसीएच एलएसपी की उत्पादन गतिविधियों को शुरू करने की दिशा में सक्रिय रूप से अग्रिम कार्रवाई शुरू की है. सभी 15 हेलीकॉप्टरों के लिए सामग्री की खरीद पूरी कर ली गई है. उपयोगकर्ताओं को डिलीवरी के लिए तीन हेलीकॉप्टर तैयार हैं और बाकी हेलीकॉप्टर उत्पादन के उन्नत चरणों में हैं.
एचएएल ने विभिन्न नियोजन गतिविधियों की शुरूआत की है और बाकी 145 एलसीएच के उत्पादन को पूरा करने के लिए प्रतिवर्ष 30 हेलीकॉप्टरों की अधिकतम दर उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के लिए एक विस्तृत मास्टर प्लान तैयार किया है.
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