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ज्ञानवापी मामले में कोर्ट का फैसला भाजपा के 'ध्रुवीकरण' के एजेंडे को पूरा करता है: महबूबा

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti on Gyanvapi) ने ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi mosque case) में वाराणसी की जिला अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई को खत्म करने में नाकाम रही है. इसलिए मस्जिद-मंदिर के मुद्दे पर लोगों को भ्रमित कर रही है.

Mehbooba Mufti
महबूबा मुफ्ती

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Published : Sep 13, 2022, 3:13 PM IST

Updated : Sep 13, 2022, 11:00 PM IST

श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti on Gyanvapi) ने मंगलवार को कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की अदालत का फैसला उपासना स्थल अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 'ध्रुवीकरण' के एजेंडे को पूरा करता है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा के पास लोगों को देने के लिए कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा रोजगार देने और महंगाई को नियंत्रित करने में पूरी तरह से विफल रही है और यदि यह स्थिति इसी तरह बनी रही, तो हम किसी अन्य चीज के बजाय मस्जिदों को तोड़ने में 'विश्वगुरु' बन सकते हैं.

महबूबा मुफ्ती का बयान

उत्तर प्रदेश में वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले (Gyanvapi mosque case) की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि वह देवी-देवताओं की दैनिक पूजा के अधिकार के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं. अदालत ने कहा था कि 1991 का अधिनियम इस मामले में लागू नहीं होता है.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जम्मू में पत्रकारों से कहा, 'मेरा मानना है कि अदालत स्वयं अपने आदेशों और 1991 के उस अधिनियम का सम्मान नहीं कर रही है जिसके तहत धार्मिक संरचनाओं को 1947 के बाद उसी स्वरूप में बरकरार रखे जाने की बात कही गई है यानी उनके पुराने स्वरूप में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.'

इससे पहले एक ट्वीट में, उन्होंने कहा, 'उपासना स्थल अधिनियम के बावजूद ज्ञानवापी पर अदालत के फैसले से हंगामा होगा और सांप्रदायिक माहौल बनेगा जो भाजपा के एजेंडे के अनुरूप है. यह एक चिंताजनक स्थिति है कि अदालत अपने ही फैसलों का पालन नहीं करती हैं.' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दो लोगों को छोड़कर, देशवासी हर गुजरते दिन के साथ गरीब होते जा रहे हैं और इन चीजों से 'ध्यान हटाने के लिए, वे (भाजपा) हिंदुओं और मुसलमानों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के मकसद से सांप्रदायिक कार्ड खेल रहे हैं.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के 'विश्वगुरु' बनने की ओर बढ़ने संबंधी भाजपा नेताओं के बयानों का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा, 'हम किसी और चीज के बजाय मस्जिदों को तोड़ने में विश्वगुरु बन सकते हैं.' उन्होंने कहा कि देश के लोगों को यह समझने की जरूरत है कि भाजपा हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने में सबसे आगे है और अपने हितों के लिए संविधान को कुचल रही है.

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी केस में कोर्ट का फैसला, श्रृंगार गौरी पूजा मामला सुनवाई योग्य

पीडीपी नेता ने अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का जिक्र किया और कहा, 'पूरे देश ने देखा है कि कैसे सत्तारूढ़ दल ने अपने प्रचंड बहुमत के जरिए संविधान का उल्लंघन किया और तत्कालीन राज्य के लोगों के मौलिक अधिकारों को छीन लिया.' उन्होंने कहा, 'आप बोलने में असमर्थ हैं, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को जेल में डाला जा रहा है और गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम का लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है और राजनीतिक नेताओं को चुप कराया जा रहा है. लोग धीरे-धीरे समझ रहे हैं कि भाजपा संविधान का उल्लंघन कर रही है.'

Last Updated : Sep 13, 2022, 11:00 PM IST

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