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प्रियंका की 21 जुलाई की रैली से पहले कांग्रेस ने कहा-सिंधिया का गढ़ नहीं है ग्वालियर - AICC in charge Madhya Pradesh JP Agarwal

प्रियंका गांधी वाड्रा की एमपी में 21 जुलाई को रैली से पहले कांग्रेस ने सिंधिया परिवार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि ग्वालियर सिंधिया परिवार का गढ़ नहीं है.

Priyanka Gandhi
प्रियंका गांधी वाड्रा

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Published : Jul 10, 2023, 5:55 PM IST

Updated : Jul 10, 2023, 6:08 PM IST

नई दिल्ली:कांग्रेस ने सिंधिया परिवार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि मध्य प्रदेश के चंबल-ग्वालियर क्षेत्र को पूर्ववर्ती सिंधिया राजपरिवार का गढ़ नहीं बल्कि चुनावी राज्य का एक और हिस्सा माना जाना चाहिए.

मध्य प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी जेपी अग्रवाल (AICC in charge Madhya Pradesh JP Agarwal) ने ईटीवी भारत को बताया, 'हम चंबल-ग्वालियर को सिंधिया परिवार का गढ़ क्यों मानें. हमारे लिए यह राज्य का दूसरा हिस्सा है और हमारी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा 21 जुलाई को वहां प्रचार करने जा रही हैं. हमारे कार्यकर्ताओं की पुरजोर मांग है कि उन्हें पूरे राज्य में प्रचार करना चाहिए.'

अग्रवाल के मुताबिक, प्रियंका की रैली की तारीख सोमवार को पक्की हो गई, हालांकि इस दौरे की चर्चा पिछले दिनों से थी. 12 जून को जबलपुर से पार्टी का अभियान शुरू करने के बाद ग्वालियर रैली राज्य में प्रियंका की दूसरी रैली होगी.

हालांकि अग्रवाल ने सिंधिया फैक्टर को ज्यादा तवज्जो नहीं दी, लेकिन प्रियंका की ग्वालियर यात्रा ने राज्य में काफी दिलचस्पी पैदा कर दी है और नेताओं-कार्यकर्ताओं दोनों को उत्साहित कर दिया है. उन्होंने रैली की तैयारी शुरू कर दी है.

3 जुलाई को को एआईसीसी के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने राज्य इकाई के प्रमुख कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रियंका की रैली के साथ-साथ आगामी चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की थी. अग्रवाल भी बैठक में शामिल हुए थे.

इसके अलावा, कमल नाथ और दिग्विजय सिंह दोनों ने हाल ही में ग्वालियर क्षेत्र का दौरा किया है, जबकि एआईसीसी सचिव प्रभारी शिव भाटिया और पूर्व राज्य इकाई प्रमुख अरुण यादव सहित कई वरिष्ठ नेता वहां डेरा डाले हुए हैं.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, ग्वालियर रैली महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे पार्टी के पूर्व नेता और अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रियंका के जवाब के रूप में देखा जा रहा है.

सिंधिया को पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और प्रियंका दोनों का करीबी माना जाता था, लेकिन 2020 में वह भाजपा में शामिल हो गए. उनके प्रवास के कारण जल्द ही राज्य में कमलनाथ सरकार गिर गई क्योंकि सिंधिया के प्रति वफादार 20 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने पार्टी व्हिप के खिलाफ मतदान किया.

अग्रवाल ने कहा कि 'प्रियंका जी रैली में क्या कहेंगी इसका मैं अंदाजा नहीं लगा सकता लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि वह एक मजबूत नेता हैं और दिल से बोलती हैं. यह एक विशाल रैली होने जा रही है.'

दिग्गज ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2020 में भ्रष्ट तरीकों से राज्य सरकार बनाई और तब से और अधिक भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई. अग्रवाल ने कहा कि 'विकास तो नहीं हुआ लेकिन भ्रष्टाचार व्याप्त है. जनता भाजपा सरकार से नाराज है और इस बार उसे सत्ता से बाहर कर देगी. भाजपा ने हमारे नेताओं को झूठे मुकदमों से डराने की कोशिश की लेकिन वे नहीं गए.'

पार्टी के पुराने लोगों ने याद किया कि कैसे 2019 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले, राहुल जो उस समय पार्टी प्रमुख थे, ने भाजपा से मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए सिंधिया और प्रियंका दोनों को प्रभारी बनाया था.

प्रियंका को पूर्वी यूपी की लोकसभा सीटों का प्रभारी बनाया गया था जबकि सिंधिया को पश्चिमी हिस्सों की संसदीय सीटों की निगरानी करनी थी. एआईसीसी प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस ने चंबल-ग्वालियर क्षेत्र के लिए फुल प्रूफ योजना बनाई है, जिसमें 34 विधानसभा सीटें हैं और वहां बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी.

अग्रवाल ने कहा कि 'सिंधिया के साथ गए कई नेता वापस कांग्रेस में आ गए हैं. कई पाइपलाइन में हैं लेकिन हम भाजपा के असंतुष्टों को लेने में बहुत सिलेक्टिव हैं. ग्वालियर क्षेत्र सहित प्रदेश भर में जमीनी स्तर पर हालात कांग्रेस के पक्ष में बदल गए हैं. वास्तव में, जो लोग 2020 में चले गए थे, उन्होंने वास्तव में पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था.'

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Last Updated : Jul 10, 2023, 6:08 PM IST

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