चंडीगढ़ : पंजाब स्थित बठिंडा के मनकीरत सिंह स्वर्ण मिश्रित स्याही से श्री गुरु ग्रंथ साहिब लिख रहे हैं, उन्होंने वर्ष 2018 में यह पावन कार्य शुरू किया था. उस समय वह प्राइवेट स्कूल में म्यूजिक टीचर थे. वह अपना वेतन इसी सेवा पर लगा रहे है.
इस काम के लिए उन्हें कुछ लोगों का सहयोग भी मिलता रहा, लेकिन कोरोना काल में यह सहायता भी बंद हो गई. दूसरी बड़ी दिक्कत लेखन में इस्तेमाल होने वाले सामान को लेकर रही. मनकीरत के मुताबिक इस पवित्र कार्य को पूरा करने में करीब 25 से 30 लाख रुपये का खर्च होगा. वह कहते हैं, यह तो समय ही बताएगा कि इतने बड़े खर्च का इंतजाम कैसे होगा, लेकिन मैं यह सेवा हर हाल में पूरा करूंगा. जब तक वाहेगुरु का हाथ मेरे सिर पर रहेगा, मुझे घबराने की जरूरत नहीं है.