पटना:गुरु गोविंद सिंह जी की मूर्ति लगाने के बाद इसको लेकर बयान दिए जा रहे हैं. सिख धर्म से जुड़े नेताओं ने मूर्ति लगाए जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि सिख धर्म में मूर्ति पूजा वर्जित है, फिर कैसे मॉल में गुरु साहिब की मूर्ति स्थापित की गई.
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सांसद हरसिमरत ने किया विरोध : बठिंडा से सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि हमारे गुरु साहिब और श्री गुरु ग्रंथ साहिब हमें परमात्मा के निराकार रूप के बारे में बताते हैं. इसलिए सिख मर्यादा में मूर्ति पूजा करना निषेध है. सांसद ने आगे कहा कि पटना के अंबुजा मॉल में अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की मूर्ति स्थापित करना सिख मर्यादाओं का घोर उल्लंघन है.
''इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सिख कौम से माफी मांगनी चाहिए. सरकार को दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. मैं सभी सिखों से आग्रह करता हूं कि हमारी धार्मिक दृष्टि और पहचान को कमजोर करने के लिए खालसा पंथ के खिलाफ साजिशों से लड़ने के लिए एकजुट हों.'' - हरसिमरत कौर बादल, बठिंडा सांसद
मूर्ति पूजा में नहीं है सिख धर्म का विश्वास :SGPC के पूर्व सचिव दलजीत सिंह बेदी (अमृतसर) ने कहा कि ''सिख धर्म का विश्वास मूर्ति पूजा में नहीं है. यह धर्म ईश्वर को सर्वव्यापक व सर्व शक्तिमान मानता है. इस धर्म का दृढ़ विश्वास है कि कोई भी व्यक्ति जन्म के कारण ऊंचा अथवा नीचा नहीं है. परमात्मा ने सभी को समान बनाया है और अगर कोई समाज में छोटा या बड़ा है तो वह अपने कार्यों से है.''
मॉल मालिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग: बता दें कि सिख धर्म के नेताओं ने इस तरह से मूर्ति स्थापित करने को सिख धर्म से जुड़े लोगों की भावना को आहत करने वाला कदम बताया है. साथ ही सरकार से मॉल मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि सिख पंथ कमजोर हो इसके लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है.