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आंध्रप्रदेश के चर्चित राम्या मर्डर केस में कातिल को मिली मौत की सजा - आंध्रप्रदेश का राम्या मर्डर केस

आंध्रप्रदेश की गुंटूर डिस्ट्रिक्ट स्पेशल कोर्ट ने बीटेक स्टूडेंट राम्या की हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी शशि कृष्णा को हत्या का दोषी माना और उसे मौत की सजा सुनाई. राम्या की हत्या पिछले साल 15 अगस्त को हुई थी और दिसंबर में केस का ट्रायल शुरू हुआ था.

Ramya murder case accused Shashi Krishna sentenced to death
Ramya murder case accused Shashi Krishna sentenced to death

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Published : Apr 29, 2022, 6:08 PM IST

अमरावती :आंध्र प्रदेश की गुंटूर डिस्ट्रिक्ट स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को इंजीनियरिंग छात्र राम्या की हत्या करने वाले के. शशि कृष्णा को मौत की सजा सुनाई है. अदालत ने पुलिस की ओर से दिए गए साक्ष्य और बयान के आधार पर शशि कृष्णा को हत्या का दोषी करार दिया. अदालत ने इस वारदात को जघन्य करार दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि आरोपी ने कोई पछतावा नहीं दिखाया और सुनवाई के दौरान अदालत से भागने की कोशिश भी की. पिछले साल 15 अगस्त को शशि ने गुंटूर में चाकू मारकर राम्या की हत्या कर दी थी. यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. हत्या के बाद पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन हुआ था. राज्य सरकार ने मामले की स्पीड ट्रायल के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन किया था.

कोर्ट के इस फैसले पर राम्या के पिता ने संतोष जताते हुए सरकार और पुलिस को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि राम्या के साथ जो त्रासदी हुई, वह किसी के साथ नहीं होनी चाहिए थी. लड़कियों और महिलाओं को परेशान करने वालों को इस तरह सजा मिलनी चाहिए, तभी अपराध कम होंगे.

राम्या की हत्या के बाद पुलिस ने 24 घंटे के भीतर के शशि कृष्णा को गिरफ्तार किया था.

राम्या बीटेक थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी. सोशल मीडिया के जरिए उसकी पहचान कुंचला शशिकृष्णा से हुई थी. शशिकृष्णा ने उसके सामने प्यार का इजहार किया था, जिसे राम्या ने खारिज कर दिया. इसके बाद शशिकृष्णा ने राम्या को परेशान करना शुरू कर दिया था. बदतमीजी से परेशान राम्या ने शशि से दूरी बना ली और उसका फोन नंबर को ब्लैकलिस्ट कर दिया. इससे नाराज शशि कृष्णा ने पिछले साल 15 अगस्त को सड़क पर दिनदहाड़े राम्या की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. वारदात के बाद कृष्णा मौके से फरार हो गया. पुलिस ने घटना के सीसीटीवी फुटेज से हमलावर की पहचान की और 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के दौरान उसने हाथ काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, हालांकि पुलिस ने उसकी कोशिश को नाकाम कर दिया .

पुलिस ने इस मामले में डीएसपी रविकुमार की निगरानी में 36 लोगों से पूछताछ की और 15 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल कर दी. लोक अभियोजक एन शारदामणि ने केस में पीड़ित पक्ष की ओर से बहस की. ट्रायल के दौरान 28 लोगों ने स्पेशल कोर्ट के जज रामगोपाल के सामने गवाही दी.सीसीटीवी वीडियो की जांच और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जज ने 26 अप्रैल को सुनवाई पूरी की और शुक्रवार को फैसला सुनाया.

(आईएएनएस इनपुट)

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