नई दिल्ली :भारतीय और पाकिस्तानी बलों के बीच फरवरी में समझौता होने के बाद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम उल्लंघन की एक भी घटना नहीं हुई है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं.
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि घाटी में इस साल 1 जून तक 48 आतंकवादी मारे गए. पिछले साल 1 जून तक घाटी में कुल 60 आतंकियों को ढेर किया गया था.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक मारे गए आतंकवादियों की घटनाएं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण हैं. सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद आंकड़े बताते हैं कि 2020 में कुल 221 आतंकवादी मारे गए थे, जबकि 2019 में 158 आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था.
सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने बताया कि पाकिस्तान के एलओसी पर शांति बनाए रखने के लिए सहमत होने के बावजूद, उसने घाटी में आतंकी गतिविधियों को प्रायोजित करना बंद नहीं किया है.
इसके अलावा, खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी सेना के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा के करीब लगते ठिकानों पर आतंकवादी गतिविधियों की गतिविधियों के बारे में सुरक्षा प्रतिष्ठानों को सतर्क कर दिया है.
आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर सक्रिय
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर सक्रिय हैं और संभवत: घुसपैठ के प्रयासों के लिए समूह एलओसी के पार जमा हो गए हैं. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, एक जून को केरन, नौगाम और रामपुर सेक्टर के सामने लीपा घाटी में आतंकियों के अलग-अलग गुट जमा हो गए थे.
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