दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

जर्मनी से 2 साल की बच्ची को वापस लाने के लिए गुजराती दंपती जगह-जगह धक्का खाने पर मजबूर

गुजराती दंपती पिछले डेढ़ साल से अपनी बच्ची से हजारों मील की दूरी पर है और उससे मिलने की गुहार लेकर जगह-जगह धक्का खाने को मजबूर हैं. अहमदाबाद के भावेश और धारा अभी दिल्ली में हैं, जबकि उनकी 2 साल की बेटी अरिहा जर्मनी में है.

By

Published : Mar 14, 2023, 10:50 PM IST

dfd
df

गुजराती दंपती जगह-जगह धक्का खाने पर मजबूर.

नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली के सिविल लाइंस के गुजरात भवन में जर्मनी से एक दंपती अपनी बच्ची को भारत वापस लाने की गुहार लगा रही है. जानकारी के अनुसार, करीब 5 साल पहले गुजरात के रहने वाले यह दंपती भावेश शाह और धारा शाह जर्मनी में शिफ्ट हुए थे. जहां 2 साल पहले उनकी बेटी का जन्म हुआ था. बेटी जब 6 महीने की थी तब 1 दिन डायपर में उन्हें खून नजर आया. इसके बाद वह अपनी बच्ची को चेकअप के लिए बर्लिन के एक अस्पताल में ले गए. जहां डॉक्टरों ने बच्ची का चेकअप कर माता-पिता को यह कह कर वापस भेज दिया कि उनकी बच्ची एकदम ठीक है और 4 दिन बाद वापस फॉलोअप के लिए आना है.

गुजराती दंपती की दो साल की बेटी हजारों मील दूर: कोरोना महामारी के कारण केवल एक ही पैरंट बच्ची के साथ अस्पताल जा सकता था, तो बच्चे की मां धारा शाह उसे अस्पताल में ले गई. जहां प्रशासन ने चाइल्ड फैसिलिटी टीम को बुलाया, जो बच्ची को यह कह कर ले गए कि उसके साथ यौन शोषण हुआ है. इसके बाद इस दंपती पर एक क्रिमिनल केस भी चला, जो फरवरी 2022 में इस नतीजे के साथ खत्म हो गया की बच्ची के साथ कुछ गलत नहीं हुआ है. हालांकि इस आदेश के बाद भी दंपती को अपनी बच्ची को पाने के लिए सिविल केस लड़ना पड़ रहा है.

बच्चे के माता-पिता का कहना है कि बच्चे की उम्र अब 2 साल से ज्यादा हो गई है, लेकिन बच्ची से उन्हें मिलने नहीं दिया जाता है. जर्मनी में जगह-जगह धक्के खाने के बाद यह दंपती भारत में भी अलग-अलग जगह जाकर अपनी गुहार लगा रहे हैं. बच्चे के माता-पिता का कहना है कि जब तक इनकी बच्ची इन्हें नहीं मिलती तब तक उसे एक गुजराती जैन फैमिली को ही दे दिया जाए, जिससे वह अपने कल्चर के साथ बड़ी हो. उन्होंने कहा कि जर्मनी में कई ऐसे परिवार हैं, जो उनकी बच्ची को अपने साथ रखना चाहते हैं. बावजूद उसके जर्मनी सरकार बच्ची को चाइल्ड केयर सेंटर में ही रख रही है.

ये भी पढ़ें:Delhi riots 2020: दिल्ली दंगे में 9 लोग दोषी करार, कोर्ट ने कहा- एक समुदाय को जानबूझकर किया गया टारगेट

आगे माता-पिता का कहना है कि भारत सरकार ने भी भारत में एक ऐसी गुजराती जैन फैमिली ढूंढी है जो उस बच्ची को हिंदुस्तान में परवरिश दे सकती है. इसकी रिपोर्ट जर्मनी में संबंधित विभाग को भेजी गई है, लेकिन अभी भी यह बच्ची चाइल्ड केयर में ही रह रही है. फिलहाल बच्ची की मां जल्द से जल्द अपनी बच्ची को वापस दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगा रही है, जिससे वह अपने संस्कारों को समझे और उसका भविष्य उज्जवल हो सके.

ये भी पढ़ें:Ground Report: वसंत कुंज में कुत्तों ने जहां दो भाइयों को मार डाला था, वहां लोगों के घरों में नहीं है शौचालय

ABOUT THE AUTHOR

...view details