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गुजरात : गरबा के दौरान पथराव करने वालों की सार्वजनिक पिटाई मामले में जांच के आदेश - पथराव के आरोपियों को पुलिस ने पीटा था

गरबा के दौरान पथराव करने के आरोपियों की सार्वजनिक रूप से पिटाई का मामला तूल पकड़ गया है. गुजरात के पुलिस प्रमुख (Gujarat police chief) ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं. पढ़ें पूरी खबर.

Gujarat police chief orders probe into Kheda flogging incident
पथराव के आरोपियों को पुलिस ने पीटा

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Published : Oct 7, 2022, 9:09 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात के पुलिस प्रमुख ने खेड़ा जिले में एक गरबा नृत्य कार्यक्रम पर पथराव करने के आरोपी मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की पुलिसकर्मियों द्वारा सार्वजनिक रूप से पिटाई किए जाने की घटना की जांच का आदेश दिया है (Gujarat police chief orders probe into Kheda flogging incident). वहीं, एक स्वयंसेवी संगठन ने मुख्य सचिव और डीजीपी को इस मुद्दे को लेकर कानूनी नोटिस भेजा है.

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया में आने और वायरल 'क्लिप' का अधिकारियों द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद डीजीपी आशीष भाटिया ने जांच का आदेश दिया है.

राज्य गृह विभाग के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि कपड़वंज के पुलिस उपाधीक्षक वी एन सोलंकी (Deputy Superintendent of Police V N Solanki) को घटना की जांच करने और एक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. सोलंकी ने कहा, 'देर रात, मुझे घटना की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई. मैं यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपूंगा.' हालांकि, उन्होंने डंडे से पिटाई किए जाने की मंगलवार की घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों के बारे में कोई ब्योरा देने से इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि सोमवार रात खेड़ा के उंधेला गांव में नवरात्रि उत्सव के तहत आयोजित एक गरबा नृत्य कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के लोगों की एक भीड़ के पथराव करने पर एक पुलिसकर्मी सहित सात लोग घायल हो गए थे.

पुलिस के मुताबिक, हमलावरों ने एक मस्जिद के पास कार्यक्रम का आयोजन किये जाने पर आपत्ति जताई थी. कार्यक्रम का आयोजन उंधेला गांव के सरपंच ने नजदीक स्थित एक मंदिर परिसर में किया था.

पुलिस ने पथराव को लेकर गिरफ्तार किए गए 13 कथित हमलावरों में तीन आरोपियों की रिमांड मांगी थी. खेड़ा की एक अदालत ने बुधवार को उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया, जबकि 10 अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. सरकारी वकील के मुताबिक, दो आरोपियों ने पुलिस कार्रवाई के बारे में न्यायाधीश से शिकायत की थी, जिसके बाद न्यायाधीश ने उनकी मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया.

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में कथित तौर पर यह देखा जा सकता है कि मंगलवार को तीन लोगों को एक पुलिस वाहन से घटना स्थल के पास लाया गया. इसके बाद उन्हें बिजली के एक खंभे तक ले जाया गया और एक पुलिसकर्मी ने खंभे के पीछे से एक व्यक्ति का हाथ पकड़ रखा है. एक अन्य पुलिसकर्मी द्वारा डंडे से उसकी पिटाई करते देखा जा सकता है.

मानहानि का नोटिस :पुलिस ने गरबा कार्यक्रम पर हुए पथराव की घटना के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की है. इस बीच, गुजरात में एक स्वयंसेवी संगठन ने पिटाई की घटना को लेकर मुख्य सचिव और डीजीपी को कानूनी नोटिस भेजा है. अल्पसंख्यक समन्वय समिति (एमसीसी) के संयोजक मुजाहिद नफीस ने अधिकारियों को मानहानि का नोटिस जारी किया है.

गुरुवार, छह अक्टूबर को जारी कानूनी नोटिस के जरिए संगठन ने गलती करने वाले उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार से उपयुक्त विभागीय, अनुशासनात्मक, दंडनीय कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, जिन्होंने पिटाई कर पीड़ितों के सभी अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया है. नफीस ने कहा कि यदि कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई तो गलती करने वाले पुलिस अधिकारियों और प्रतिवादियों के खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई करने के सिवा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचेगा.

अधिवक्ता आनंद याज्ञनिक के माध्यम से भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों द्वारा किया गया उत्पीड़न व्यापक स्तर पर प्रकाश में आने के बावजूद आज की तारीख तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई. संगठन ने कहा, 'इस तरह का खुल्ल्मखुल्ला उल्लंघन न केवल संविधान के अनुच्छेद 21 तहत संरक्षित अधिकार के खिलाफ है बल्कि यह एक सभ्य समाज की संपूर्ण संवैधानिक भावना के भी खिलाफ है.'

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(पीटीआई-भाषा)

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